शिवसेना का हमला- चार साल के मोदी राज में जितने जवान शहीद हुए, उतने 50 साल में नहीं हुए
एनडीए में भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने एक बार फिर केन्द्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। जम्मू कश्मीर के गुरेज सेक्टर में आज आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना के मेजर समेत 4 जवान शहीद हो गए हैं। इस संबंध में मीडिया से बातचीत करते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि “हमारे जवान जितने पिछले 4 सालों में शहीद हुए हैं, उतने पिछले 50 साल में नहीं हुए।” बता दें कि गुरेज सेक्टर में आज करीब 8 आतंकियों ने पाकिस्तान की तरफ से भारत में दाखिल होने की कोशिश की। इसी बीच इलाके में पेट्रोलिंग कर रही भारतीय सेना की एक टीम के साथ उसका सामना हो गया। जिससे दोनों तरफ से हुई फायरिंग में सेना के एक मेजर समेत 4 जवान शहीद हो गए। वहीं इस मुठभेड़ में 4 आतंकियों को सेना ने ढेर कर दिया। बाकी बचे 4 आतंकी वापस पाकिस्तान की सीमा वापस भाग गए।
आज लोकसभा में भी एक सवाल के जवाब में बताया गया है कि इस साल जून माह तक 69 आतंकी जम्मू कश्मीर में भारतीय सीमा में घुसपैठ कर चुके हैं। केन्द्रीय राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने लोकसभा में दिए एक लिखित जवाब में बताया कि इस दौरान आतंकी घुसपैठ की 133 घटनाएं हुईं, जिसमें से 69 आतंकी भारतीय सीमा में घुसने में सफल रहे। केन्द्रीय राज्यमंत्री ने बताया कि जून तक भारतीय सेना घुसपैठ की कोशिश में लगे 14 आतंकियों को ढेर कर चुकी है, वहीं 50 अऩ्य आतंकी घुसपैठ में नाकाम रहने पर वापस पाकिस्तान भाग चुके हैं। उल्लेखनीय है कि साल 2017 में बॉर्डर पर घुसपैठ की 406 घटनाएं हुईं थी, जिसमें 123 आतंकी भारतीय सीमा में घुसने में सफल हुए थे।
कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ स्थानीय निवासी जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को सपोर्ट कर रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सरकार कानून के अंतर्गत सख्त कारवाई करेगी। हंसराज अहीर ने लोकसभा में बताया कि हमारे सुरक्षाबल आतंकी समस्या का सफलतापूर्वक सामना कर रहे हैं। जिसका नतीजा ये हुआ है कि घाटी में 2014 से लेकर जुलाई, 2018 तक 694 आतंकियों को निष्क्रिय किया गया है और 368 आतंकियों औऱ संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। केन्द्रीय राज्यमंत्री ने बताया कि जम्मू कश्मीर में इस साल जुलाई तक हिंसा की 308 घटनाएं हुई हैं, वहीं 90 मुठभेड़ की घटनाओं में 113 आतंकियों को ढेर किया गया है। इस साल जुलाई तक 49 सुरक्षाबल के जवान भी शहीद हुए हैं। साल 2017 के आंकड़ों की बात करें तो घाटी में 191 हिंसा की घटनाएं हुईं। 69 मुठभेड़ में 112 आतंकी ढेर किए गए, वहीं सुरक्षाबलों के 39 जवान शहीद हुए। हंसराज अहीर ने कहा कि रमजान के माह के दौरान जम्मू कश्मीर में हिंसा की 73 घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि उससे पहले के महीने में सिर्फ 34 घटनाएं हुईं थी।