शौहर ने रिश्‍तेदारों को बुलाकर रेप किया, पीड़‍िता की मौत की सजा को अदालत ने पलटा

सूडान में एक अदालत ने पति की हत्या करने के मामले में दुष्कर्म पीड़िता को मिली मौत की सजा को पलट दिया है। महिला ने पति द्वारा दुष्कर्म किए जाने के बाद उसकी हत्या कर दी थी। महिला के वकील ने यह जानकारी दी। ‘बीबीसी’ ने वकील अब्देलहा मोहम्मद के हवाले से बताया कि 19 वर्षीय पीड़िता की सजा में बदलाव करते हुए उसे पांच साल जेल की सजा सुनाई गई है। मई में एक इस्लामिक अदालत ने पीड़िता को अपने पति अब्दुलरहमान मोहम्मद हम्माद की हत्या करने का दोषी पाते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। पीड़िता ने कहा कि उसके पति ने घर पर अपने कुछ रिश्तेदारों को बुलाया जिन्होंने कथित रूप से उसे पकड़े रखा और फिर पति ने उसके साथ दुष्कर्म किया। हम्माद ने जब फिर ऐसा करने का प्रयास किया तो पीड़िता ने चाकू गोदकर उसकी हत्या कर दी। पीड़िता की मां, बेटी को फांसी की सजा से मिली राहत से बेहद खुश है। पीड़िता की रिहाई की मांग करते हुए अंतर्राष्ट्रीय स्तर की मशहूर हस्तियों ने ऑनलाइन अभियान भी चलाया था।

आपको बता दें कि सूडान में बाल विवाह गैर कानूनी नहीं है और वहां 3 में से 1 लड़की की शादी 18 साल पूरे होने से पहले ही कर दी जाती है। द पर्सनल स्टेटस लॉ ऑफ मुस्लिम-1991 के मुताबिक सूडान में प्युबर्टी आने के बाद लड़की की शादी की जा सकती है। ऐसा ही कुछ पीड़िता के साथ भी हुआ था। पीड़िता ने बताया कि जब वह 8वीं में पढ़ती थी, तब अब्दुलरहमान ने उसके माता-पिता से कहा था कि वह उससे से शादी करना चाहता है।

सीएनएन इंटरनेशनल के मुताबिक पीड़िता के अंकल से भी हम्माद ने शादी की बात कही। जब पीड़िता के माता-पिता ने उसे इस बारे में कहा तब उसने शादी करने से मना कर दिया। पीड़िता ने कहा, ‘मैं शादी नहीं करना चाहती थी, मैं पढ़ना चाहती थी। मैंने सीधे हम्माद से बात की और कहा कि मैं तुमसे शादी नहीं करना चाहती। मैं अपनी आंटी के घर सिन्नार चली गई, लेकिन दो दिन बाद मुझे वापस ले आया गया। धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, उसके बाद मैंने उससे कोई बात नहीं की। वह जब घर आता तो मैं वहां से चली जाती थी। मैंने उससे कहा कि मैं तुम्हें नहीं चाहती। मेरी शादी तीन साल बाद हुई, मैंने स्कूल लीवर एग्जाम दिया। मेरी शादी में हर तरह का धार्मिक कार्यक्रम किया गया। मुझे उससे शादी करने का मन ही नहीं था। मैं उसके बगल में बैठकर कार में रो रही थी। वह मेरे करीब आ रहा था और मैं दूर जा रही थी। मैं हनीमून पर भी रोती रही, मैंने खाना नहीं खाया और कमरे से बाहर भी नहीं निकली।’

पीड़िता ने बताया कि हनीमून के तीसरे दिन हम्माद ने कहा कि अगर मैंने दरवाजा नहीं खोला तो वह तोड़ देगा। पीड़िता ने कहा, ‘मैंने फिर मना कर दिया। जब वह सो गया तब मैं बाहर निकली और मैंने देखा कि फ्लैट के दरवाजे पर ताला लगा था। 9वें दिन उसके रिश्तेदार आए, उसके अंकल ने मुझे बेडरूम में जाने को कहा। मैंने मना किया, फिर मुझे घसीटकर बेडरूम लेकर गए। हम्माद के भाई ने मुझे मारा। हर किसी ने मेरे कपड़े फाड़े, हर किसी ने मुझे पकड़ा और फिर उसने मेरे साथ गलत किया। सब लोग कमरे से चले गए, मैं पड़ी रही। दूसरे दिन वह आया उसने मुझे बिस्तर पर पटका और मेरा रेप करना चाहा। मैं उससे छूटना चाह रही थी। मेरे हाथ चाकू लगा और मैंने खुद की जान बचाई।’

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