श्रीलंका: 40 साल पुराना कानून फिर लागू, महिलाओं के शराब खरीदने पर लगी रहेगी रोक
श्रीलंका में तकरीबन चार दशक पुराने कानून को फिर से लागू कर दिया गया है। इसके तहत पड़ोसी देश की महिलाओं के शराब खरीदने पर रोक लगा दी गई है। श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाल सिरीसेन ने रविवार (14 जनवरी) को एक आदेश जारी कर पुराने प्रावधान को फिर से अमल में लाने की घोषणा की थी। श्रीलंका के वित्त मंत्री मंगला समरवीरा ने कुछ दिनों पहले ही इस प्रावधान को हटाने का फैसला किया था। रूढ़ीवादी बौद्ध समुदाय के विरोध के बाद राष्ट्रपति को इस मामले में दखल देना पड़ा। उन्होंने वित्त मंत्री के फैसले को पलट दिया। मालूम हो कि महिलाओं के शराब खरीदने पर वर्ष 1979 में कानून बनाकर रोक लगा दी गई थी। इसके तहत महिलाओं को किसी भी तरह का शराब बेचना प्रतिबंधित कर दिया गया था। बता दें कि श्रीलंका में पुलिस और वर्दीधारी जवानों को शराब बेचने पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट में श्रीलंकाई राष्ट्रपति के कार्यालय के बयान का हवाला दिया गया है। इसमें कहा गया था, ‘मंत्री (समरवीरा) का आदेश कल से (सोमवार) रद्द माना जाएगा।’ इसमें वित्त मंत्री के आदेश को वापस लेने के बारे में विस्तृ़त ब्यौरा नहीं दिया गया था। इसमें सिर्फ याथास्थिति बहाल करने की बात कही गई है। वित्त मंत्री के प्रवक्ता अली हसन ने बुधवार (10 जनवरी) को कहा था, ‘लैंगिक समानता बहाल करने के लिए यह फैसला (महिलाओं के शराब खरीदने पर लगे प्रतिबंध को हटाना) लिया गया।’ मंत्री की इस घोषणा का बौद्ध बहुल श्रीलंका में विरोध होने लगा था। नेशनल मूवमेंट फॉर कंज्यूमर राइट्स प्रोटेक्शन ने वित्त मंत्री के फैसले को शराबखोरी को बढ़ावा देने वाला करार दिया था। साथ ही राष्ट्रपति सिरीसेन से इस मामले में अविलंब हस्तक्षेप कर प्रतिबंध को फिर से बहाल करने की मांग की थी।
समरवीरा द्वारा दिए गए आदेश में कई नए कदम की घोषणा की गई थी। इसके तहत बार और पबों को लंबे समय तक खोलने की अनुमति दे दी गई थी। इसके अलावा बार, पब और ब्रेवरीज में महिलाओं के काम करने पर लगे प्रतिबंध को भी हटा लिया गया था। अब राष्ट्रपति के नए आदेश के बाद पूर्व की स्थिति बहाल हो गई है। हालांकि, उनके आदेश में इस बात का उल्लेख नहीं किया गया है कि महिलाएं शराब उद्योग में काम कर सकेंगी या इस पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि रूढ़ीवादी बौद्ध समुदाय की तुष्टीकरण की नीति के तहत महिलाओं के शराब खरीदने पर पाबंदी लगाई गई थी।