संकट में NDA: अमित शाह ने चंद्रबाबू नायडू को किया फोन, कहा- कड़े फैसले मत कीजिए

भाजपा और टीडीपी के बीच रिश्तों में आई खटास से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन संकट में आ गया है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इसी सिलसिले में आज सुबह-सुबह तेलुगू देशम पार्टी के मुखिया और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को फोन किया। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक अमित शाह ने नायडू को कहा है कि वे सख्त फैसले ना लें। हालांकि समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक अमित शाह और चंद्रबाबू के बीच बातचीत नहीं हुई है। बता दें कि केन्द्रीय बजट के आने के बाद टीडीपी केन्द्र सरकार से खफा है। टीडीपी ने कहा है कि बजट में दक्षिण भारतीय राज्यों की उपेक्षा की गई है। इस बावत विजयवाड़ा में रविवार (4 फरवरी) को टीडीपी संसदीय बोर्ड की आपातकालीन बैठक हुई है। इससे पहले टीडीपी के कई नेता केन्द्र के खिलाफ कड़ी टिप्पणी कर चुके हैं। टीडीपी सांसद टीजी वेंकटेश ने कहा था कि ‘अब एलान-ए-जंग होगा।’ इससे पहले बीजेपी के महासचिव राम माधव ने कहा था कि बीजेपी तेलुगू देशम पार्टी के साथ रिश्ते निभाने के प्रतिबद्ध है, और वह इस मामले में टीडीपी से बात कर बताएंगे कि पार्टी बीजेपी की पुरानी सहयोगी है और केन्द्र आंध्र प्रदेश के हितों के लिए समर्पित है।

बता दें कि शुक्रवार (2 फरवरी) को भी चंद्रबाबू नायडू ने पार्टी नेताओं के साथ राज्य के साथ हुए कथित ‘अन्याय’ पर बैठक की थी और सांसदों को केन्द्र पर दबाव बनाने को कहा था। सूत्र तो यह भी कहते हैं कि 1 फरवरी को जैसे ही केन्द्रीय वित्त मंत्री का बजट भाषण खत्म हुआ तो नायडू ने उन्हें फोन लगाना शुरू कर दिया था। जैसे ही चंद्रबाबू नायडू ने चार साल पहले सीएम पद की कुर्सी संभाली और बीजेपी से रिश्ते बनाए, लगातार इन दोनों पार्टियों के बीच दूरियां बढ़ रही हैं। टीडीपी का मानना है कि केन्द्र ने आंध्र की नयी राजधानी अमरावती और पोलावरम के लिए मेगा फंड देने का वादा किया था, लेकिन बाद में केन्द्र लगातार मुट्ठी कसती जा रही है।

पिछले सप्ताह टीडीपी सांसद आरएस राव ने कहा था कि अगर बीजेपी गठबंधन जारी नहीं रखना चाहती है तो टीडीपी अलग होने को तैयार है। सांसद आरएस राव ने कहा था, “गठबंधन धर्म की वजह से हमलोग चुप हैं, यदि वह हमें नहीं चाहते हैं तो हम उन्हें नमस्कारम कहेंगे और अपने रास्ते चुन लेगें।’ आंध्र प्रदेश और तेलंगाना बनने के बाद आंध्र प्रदेश लगातार अपने लिए विशेष राज्य की मांग कर रहा है।

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