संघ के मुखपत्र ‘पांचजन्‍य’ की एनडीए को सलाह- कुनबा संभाल कर रखो

साल 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए के सहयोगी दलों की लगातार नाराजगी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस भी खासा चिंतित नजर आ रहा है। संघ के मुखपत्र पांचजन्य में छपे लेख में इस चिंता को साफतौर पर समझा जा सकता है। इसमें लिखा गया है कि भाजपा के लिए चिंता की बात है उसके साथियों का रूठना-छिटकना। लेख में भाजपा से अपील करते हुए कहा गया है कि भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए को संभाल कर रखा जाए। गठबंधन को कुनबे की तरह संभाल कर रखा जाए। हालांकि महाराष्ट्र में शिवसेना की नाराजगी के चलते पार्टी अध्यक्ष अमित बुधवार यानी आज उद्धव ठाकरे से मुलाकात करेंगे। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक संघ चाहता है कि शिवसेना और भाजपा का गठबंधन बरकरार रहे। दोनों पार्टियां महाराष्ट्र में मिलकर चुनाव लड़ें, लेकिन इन दिनों महाराष्ट्र की राजनीति में भाजपा और शिवसेना के बीच तनातनी किसी से छिपी नहीं है। पालघर उपचुनाव में शिवसेना ने भाजपा के खिलाफ अपना उम्मीदवार मैदान में उतारा था। खुद पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे पहले घोषणा कर चुके है कि अगले लोकसभा चुनाव में उनकी योजना अकेले चुनाव लड़ने की है।

गौरतलब है कि पांचजन्‍य में कैराना उप चुनाव परिणाम का भी जिक्र किया गया है। इसमें पांचजन्‍य के संपादक हितेश शंकर ने लिखा है कि कैराना! एक शब्द ने दर्जनों हताश चेहरे पर चमक ला दी है। हालांकि लेख में भाजपा की हार को मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ज्यादा बताने की कोशिश की गई है। कहा गया है कि कैराना तो कभी भाजपा की सीट रही नहीं। लेख में पिछले दिनों पश्चिम बंगाल में मारे गए भाजपा कार्यकर्ता की मौत का भी किया गया है। आरोप लगाया कि बंगाल में टीएमसी के गुंडों ने भाजपा के युवा कार्यकर्ता त्रिलोचन महतो की हत्या कर दी। उसका शव पेड़ से लटका दिया गया। शव पर लिखा गया, ‘भाजपा के लिए काम करने वालों का यही अंजाम होगा।’ गौरतलब है कि अगले लोकसभा चुनाव में अगर शिवसेना भाजपा को छोड़ किसी अन्य गठबंधन संग चुनाव लड़ती है तो यह भाजपा के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री खुद इस संकेत को समझ रहे हैं।

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