संपादक को धमकाते हुए कहा- मुसलमानों के खिलाफ बोलना बंद करें, भारत पर होगा इस्लाम का दबदबा
सुदर्शन चैनल के संपादक सुरेश चव्हाणके को धमकी मिली है। कहा गया है कि वे अपनी हरकतों से बाज आ जाएं। मुस्लिमों के खिलाफ ऊल-जलूल बोलना बंद करें। मुस्लिम 10 बच्चे पैदा करें या 20, इससे उसे क्या लेना-देना है? चव्हाणके उन्हें रोकने वाले कौन हैं? भारत पर आगामी वर्षों में इस्लाम का दबदबा होगा। ये बातें एक वीडियो में मुस्लिम युवक ने कहीं, जो इस वक्त टि्वटर पर खूब वायरल हो रहा है। आपको बता दें कि यह वीडियो ऐसे वक्त में सामने आया है, जब संपादक कर्नाटक के बेंगलुरू में भारत बचाओ यात्रा का आयोजन कर रहे हैं। कार्यक्रम 25 मार्च (रविवार) को है, जिसका मुख्य उद्देश्य हिंदुस्तान को पाकिस्तान बनाने से रोकना है। जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने के लिए ये यात्रा निकाली जानी है।
शुक्रवार (23 मार्च) को ‘मिशन रागा’ नाम के अकाउंट से टि्वटर पर यह धमकी भरी क्लिप शेयर की गई। साथ ही लिखा गया, “आने वाले 10 सालों में हमारे इस्लाम का दबदबा पूरे देश पर होगा, जिससे विश्व भर में शांति का पैगाम दिया जाएगा। हम अपने इस मिशन में कामयाब होंगे। तुम्हारे (सुरेश चव्हाण) जैसे लोगों की देश को जरूरत नहीं है, जो कि सिर्फ नफरत फैलाना जानते हैं।”
41 सेकेंड्स की क्लिप में धमकी देते हुए शख्स ने कहा, “सुरेश चव्हाण, तू अपनी हरकतों से बाज आ जा। मुस्लिमों के खिलाफ बोलना बंद कर दे। ये जो ड्रामा तूने शुरू किया है, उसे बंद कर दे। मैं अपने औलामा कलाम और बुजुर्गों से यह अपील करता हूं कि इस नापाक को अपनी पाक जमीन पर आने से इसका विरोध करें। हम चाहें 10 बच्चे पैदा करें या 20 करें। ये कौन है हमें रोकने वाला और पाबंदी लगाने वाला। सुरेश चव्हाण के हर काम के पीछ मुस्लिमों को बदनाम करने की साजिश होती है। मुस्लिम भाइयों आपसे गुजारिश है कि आप इस संबंध में खुद को सतर्क रखिए। इस वाहियात इंसान का कानूनी तौर पर विरोध किया जाना चाहिए।”
बाद में संपादक ने भी इस क्लिप को अपने अकाउंट से शेयर किया। लिखा, “मेरे खिलाफ टि्वटर पर गो बैक सुरेश चव्हाणके ट्रेंड चला रहे हैं। वे (विरोधी) कह रहे हैं कि हम देश को इस्लामिक बना कर दिखाएंगे।” चूंकि भारत बचाओ यात्रा का आयोजन संपादक ही करा रहे हैं। ऐसे में टि्वटर पर एक धड़ा उनके खिलाफ विरोध जता रहा था। यही कारण है कि चव्हाणके के खिलाफ #GoBackSureshChavhanke ट्रेंड हो रहा था। लोग उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का गुंडा करार दे रहे थे।