संसद में हाजिरी, सवाल और बिल पेश करने में फिसड्डी साबित हुए राहुल गांधी, डिंपल और हेमा मालिनी
राजनीति के बड़े और सेलिब्रेटी चेहरों का संसदीय गतिविधियों में प्रदर्शन बेहद हल्का साबित हुआ है। राष्ट्रीय औसत से बेहद कम सक्रियता उन्होंने दिखाई है। सदन में चाहे बात हाजिरी की हो, सवाल पूछने की या फिर गैर सरकारी विधेयक( प्राइवेट बिल) लाने की, इसमें कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बीजेपी के तीन सांसद छाप छोड़ने में नाकाम साबित हुए। इसकी गवाही सांसदों से जुड़े आंकड़े देते हैं। देश के सांसदों और विधायकों पर नजर रखने वाली संस्था पीआरएस के मुताबिक देश के सांसदों की उपस्थिति का राष्ट्रीय औसत 80 प्रतिशत, बहस में भाग लेने का 57.5 रहा। वहीं सवाल पूछने का औसत 231 प्रति सांसद रहा। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से ज्यादा उनकी 71 वर्षीय मां सोनिया गांधी ने संसद में सक्रियता दिखाई। उनकी अटेंडेंस 71 प्रतिशत रही। संस्था ने ये आंकड़े एक जून 2014 से हाल में नौ फरवरी को हुए बजट सत्र के समापन के आधार पर जारी किए हैं।
राहुल गांधीः 47 वर्षीय कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की संसद में 54 प्रतिशत उपस्थिति रही। राष्ट्रीय औसत 80 से 26 प्रतिशत कम मौजूदगी रही। राहुल सिर्फ 11 बहसों में ही हिस्सा लिए। डिबेट में सांसदों की सहभागिता का औसत 57.5 रहा। अब तक चार साल में उन्होंने एक भी सवाल नहीं पूछे हैं। जबकि देश के हर सांसद पर औसतन 231 सवाल का आंकड़ा बैठता है। यही नहीं राहुल ने एक भी गैर सरकारी विधेयक पेश नहीं किया। । तीसरी बार सांसद राहुल एक्सटर्नल अफेयर्स स्टैंडिंग कमेटी के मेंबर है। एक जून 2014 से नौ फरवरी को समाप्त हुए बजट सत्र के बीच राहुल गांधी ने बजट सत्र 2018 में 86 प्रतिशत, मानसून सत्र 2017 में 45 प्रतिशत, विंटर सेशन 2016 में 57 प्रतिशत उपस्थिति दी है। बजट सेशन 2015 में 31 प्रतिशत मौजूद रहे वहीं 2014 के बजट सेशन में 81 प्रतिशत और पहले सेशन में 67 प्रतिशत मौजूदगी रही।
डिंपल यादवः कन्नौज से 40 वर्षीय सपा सांसद और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव की संसद में महज 34 प्रतिशत उपस्थिति रही। चार सालों के बीच डिंपल ने महज दो डिबेट में हिस्सा लिया। संसद में 231 सवालों के औसत के मुकाबले डिंपल ने एक भी जनहित के मुद्दे पर सवाल नहीं पूछे। बतौर संसद सदस्य उन्होंने कोई प्राइवेट बिल भी पेश नहीं किया। 16 वीं लोकसभा में डिंपल सबसे ज्यादा पहले सत्र में ही उपस्थिति रहीं, तब उनकी उपस्थिति 81 फीसद रही, इसके बाद से सदन में उनकी मौजूदगी कम होती गई। 2014 के बजट सेश न में 37 प्रतिशत, 2015 मे 34 और 2016 में 38, 2017 में सिर्फ 14 प्रतिशत मौजूद रहीं। 2018 के बजट सत्र में 43 प्रतिशत मौजूदगी रही। डिंपल यादव ने 28 अप्रैल 2016 को आम बजट डिमांड फार ग्रांट्स और सात अगस्त को महिलाओं तथा बच्चों के खिलाफ अपराध रोकने के लिए कड़े कानून बनाने पर बहस की।
हेमा मालिनीः मथुरा से 69 वर्षीय बीजेपी सांसद हेमा मालिनी की संसद में महज 40 प्रतिशत मौजूदगी रही। उन्होंने 16 बहसों में हिस्सा लिया, वहीं 188 सवाल पूछे। यहां बता दें कि उपस्थिति का औसत 80 प्रतिसत, डिबेट्स का 57.5 सवाल का 231 रहा। उपस्थिति की बात करें तो बजट सेशन 2014 में महज सात प्रतिशत अटेंडेंस रही, वहीं मानसून सत्र 2016 में सिर्फ दस प्रतिशत। बजट सेशन 2018 में सबसे ज्यादा 71 प्रतिशत उपस्थिति रही। हालांकि सवाल पूछने मे जरूर हेमामालिनी का प्रदर्शन कुछ अच्छा रहा है। उन्हें हेल्थ सर्विस, जल क्रांति अभियान, जल की उपलब्धता, शौचालयों के निर्माण आदि पर 188 सवाल पूछे।