सचिन तेंदुलकर की ये बातें मानकर दक्षिण अफ्रीका में इतिहास रच सकती है टीम इंडिया

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच 5 जनवरी से तीन टेस्ट मैचों की सीरीज का आगाज होने जा रहा है। टीम इंडिया इस वक्त दक्षिण अफ्रीका में है। दोनों टीमों के बीच क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट- टेस्ट, वनडे और टी-20 में 12 मैच खेले जाएंगे, जिनमें से 3 टेस्ट, 6 वनडे और 3 टी-20 मैच खेले जाने हैं। भारत के सामने नए साल की शुरुआत में ही दक्षिण अफ्रीका के रूप में बड़ी चुनौती है। इंडियन क्रिकेट टीम को अगर अपना विजयी रथ आगे लेकर जाना है तो उसे दक्षिण अफ्रीका में भी बेहतरीन प्रदर्शन करना होगा। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने कुछ ऐसी अहम बातें बताई हैं जो कि टीम इंडिया के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है और जीत सुनिश्चित करने के लिए भी जरूरी हैं। टीओआई के मुताबिक तेंदुलकर का कहना है कि नई बॉल को किस तरह से हैंडल किया जाता है, इस पर काफी कुछ निर्भर करता है।

उन्होंने कहा कि बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि क्रिकेटर्स नई गेंद को किस तरह से हैंडल करते हैं। तेंदुलकर ने कहा, ‘अगर हम नई गेंद को अच्छी तरह से हैंडल करने में कामयाब होते हैं तो मैच में गति बढ़ाने में बाधा नहीं आती। बल्लेबाजों का मुख्य उद्देश्य किसी भी तरह से रन बनाना होता है। टेस्ट में यह भी जरूरी है कि आप पहले दिन के खेल में कैसा प्रदर्शन करते हैं।’

इसके अलावा तेंदुलकर ने पिच को लेकर भी महत्वपूर्ण बात कही। उन्होंने कहा कि टीम इंडिया ने हाल ही में कोलकाता में श्रीलंका के खिलाफ खेला था, वह पिच अलग थी, यहां तक कि मोहाली की पिच भी अलग ही है, बहुत कुछ पिच पर भी निर्भर करता है। उन्होंने कहा, ‘मैदान में खेलते वक्त इस बात का पहले पता लगाना चाहिए कि पिच की प्रकृति कैसी है। मुझे याद है 2011 में मैंने कैपटाउन में जब खेला था तब बहुत से ऑफ-पिच मूवमेंट देखने को मिले थे। काफी समय बीत चुका है लेकिन मुझे याद है कि वहां बल्लेबाजी करना अच्छा अनुभव था। तो ऐसे में बहुत सी बातें स्थिति पर भी निर्भर करती हैं।’

मास्टर ब्लास्टर ने यह भी बताया कि बल्लेबाजों के लिए 18 से 20 ओवरों के बाद का समय काफी कठिन होता है। उन्होंने कहा, ‘नई गेंद तो बहुत जरूरी है, लेकिन अगर गेंद एसजी बॉल है तो बल्लेबाज के लिए 18वें से 20वें ओवर तक महत्वपूर्ण चरण शुरू हो जाता है और 40वें से 50वें ओवर तक का समय काफी खतरनाक होता है। अगर विकेट सपाट है तो इन ओवर्स के बीच बॉल रिवर्स स्विंग करती है। गेंद इसके बाद भी रिवर्स स्विंग करेगी, लेकिन यहां अलग गति से स्विंग होने की संभावना ज्यादा होती है। ऐसे में जब आप विदेश में खेलते हैं, अपने देश से दूर होते हैं, तब शुरू के 25 ओवर्स काफी मुश्किल होते हैं। नई गेंद के साथ-साथ वह पिच पर कैसा मूवमेंट लेती है वह भी महत्वपूर्ण होता है।’

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