सड़क निर्माण पर केंद्रीय मंत्री दे रहे थे जवाब, नाखुश एनडीए सांसद दागने लगे सवाल दर सवाल

बिहार में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़कों के निर्माण को लेकर आज लोकसभा में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामकृपाल यादव के जवाब पर विपक्ष के सदस्यों के साथ राजीव प्रताप रूडी सहित भाजपा के कुछ सदस्य भी सवाल खड़े करते दिखे। सदन में प्रश्नकाल के दौरान कौशेलेंद्र कुमार और राजेश रंजन के पूरक प्रश्नों के उत्तर में रामकृपाल यादव ने कहा कि बिहार में पहले चरण के सड़कों का काम हो चुका है और 2019 तक इस राज्य और देश के उन सभी गांवों को सड़क से जोड़ दिया जाएगा जो प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत चिन्हित हैं। राजद से निष्कासित राजेश रंजन ने मंत्री के बयान पर सवाल खड़ा किया और कहा कि बिहार के बाढ़ प्रभावित गांवों की उपेक्षा की गई है और सड़कों के लिए राज्य को दूसरे प्रदेशों के कम पैसे दिए गए हैं।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सड़क निर्माण का ठेका भी काली सूची में डाली गई कंपनी को दिया जा रहा है। भाजपा के राजीव प्रजाप रूडी ने मंत्री के बयान पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सड़क निर्माण से जुड़े पहले चरण में ‘कोर नेटवर्क’ से कई गांव छूट गए हैं। उन्होंने कहा कि कई प्रांतों में सड़क निर्माण का दूसरा और तीसरा चरण चल रहा है, लेकिन बिहार में पहला ही चरण पूरा हो रहा है। इस दौरान विपक्ष के साथ ही भाजपा के कई सदस्य भी रूडी का साथ देते और मंत्री के बयान पर सवाल खड़े करते दिखाई दिए।
सदन में हंगामे की स्थिति के बीच ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि 2001 में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की शुरुआत के समय कोर नेटवर्क में 178,000 गांवों का चयन हुआ था।

उन्होंने कहा कि इन गांवों में सड़कों के निर्माण पूरा होने के बाद दूसरे गांवों एवं बस्तियों में सड़क के निर्माण के प्रस्ताव पर विचार होगा। बिहार के संदर्भ में तोमर ने कहा कि 2001 से 2004 के बीच बिहार प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के लक्ष्य को पूरा करने में थोड़ा पीछे रह गया, हालांकि हाल के वर्षों में राज्य में काफी प्रगति हुई है।

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