सपा में फिर हाशिए पर शिवपाल? सुलह के बाद जारी पहली राष्ट्रीय कार्यकारिणी से नाम गायब

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को अपनी 55 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा कर दी। इसमें पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव का नाम शामिल नहीं है। इसके साथ ही साथ शिवपाल सिंह यादव और उनके समर्थकों को भी जगह नहीं मिली है। दूसरी तरफ, राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रामगोपाल यादव का कद बढ़ाकर उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाया है।

रामगोपाल यादव द्वारा जारी सूची के मुताबिक किरणमय नन्दा को उपाध्यक्ष के पद पर बरकरार रखा गया है। इसके अलावा कार्यकारिणी में आजम खां, नरेश अग्रवाल और हाल में बसपा छोड़कर सपा में आए इंद्रजीत सरोज समेत 10 महासचिव, संजय सेठ, राजेन्द्र चौधरी, कमाल अख्तर और अभिषेक मिश्र समेत 10 सचिव, जया बच्चन, अहमद हसन तथा रामगोविन्द चौधरी समेत 25 सदस्य तथा छह विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल हैं।

कार्यकारिणी में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का नाम नहीं है। अब पार्टी में पदाधिकारी के रूप में उनके स्थान को लेकर संशय की स्थिति उत्पन्न हो गई है। यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी संस्थापक मुलायम अब दल के ‘सर्वोच्च रहनुमा’ नहीं रहे, सपा के नवमनोनीत राष्ट्रीय सचिव और पार्टी के मुख्य प्रान्तीय प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि इस बारे में वह कुछ नहीं कह सकते, लेकिन इतना जरूर है कि सपा के संविधान में इस पद का कोई प्रावधान नहीं है।

मालूम हो कि गत पांच अक्तूबर को सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश को एक बार फिर सपा अध्यक्ष चुना गया था। उस वक्त उन्हें अपनी कार्यकारिणी चुनने का अख्तियार दे दिया गया था। उस वक्त से लोगों की नजरें इसी बात पर लगी थीं कि क्या मुलायम अब पार्टी के ‘सर्वोच्च रहनुमा’ बने रहेंगे। उन्हें यह खिताब गत एक जनवरी को पहली बार अखिलेश के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद दिया गया था।

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