सबरीमाला मंदिर: बिना दर्शन प्रवेश द्वार से लौटीं दोनों महिलाएं, पुलिस ने कहा – ‘हालात ठीक नहीं’
नई दिल्ली: सबरीमाला मंदिर पर जारी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंदिर में सभी वर्ग की महिलाओं को जाने की इजाजत के बाद भी प्रदर्शनकारी शुक्रवार को भी ‘प्रतिबंधित’ आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में नहीं घुसने दे रहे हैं. इस बीच, एक महिला पत्रकार समेत दो महिलाओं के एंट्री पॉइंट पर पहुंचने के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई है. पुलिस सुरक्षा के साथ मंदिर तक पहुंचीं दोनों महिलाओं को वापस लौटना पड़ा. केरला के आईजी ने कहा कि हमने दोनों महिलाओं को पहले ही वहां के हालातों से अवगत कराया था और बताया था कि वहां स्थिति तनावपूर्ण हैं .
दोनों महिलाओं के वापस लौट जाने के बाद एक महिला भक्त और सामने आई है. जो मंदिर का तरफ बढ़ रही है. मैरी स्वीटी नाम की इस महिला भक्त का कहना है कि दोनों महिलाएं अगर पुलिस सुरक्षा के बाद भी वापस लौट गईं हैं, तो ये उनकी नाकामी है. महिला का कहना है कि वो सबरीमाला मंदिर में जाएगी और भगवान अयप्पा के दर्शन करेंगी.
एक विदेशी मीडिया संस्थान के लिए काम करने वाली हैदराबाद की महिला पत्रकार के मंदिर में दर्शन करने में विफल रहने के एक दिन बाद शुक्रवार को एक अन्य महिला ने चढ़ाई शुरू की थी. वहीं, लगातार बढ़ते बवाल को देखते हुए राज्य प्रशासन प्रदर्शनकारियों से शांति की अपील कर रहा है.
करीब 250 पुलिस जवान दोनों महिलाओं को अपनी सुरक्षा में लेकर मंदिर की ओर बढ़ रहे हैं. प्रशासन ने गुरुवार (18 अक्टूबर) से ही इलावुंगल और सन्नीदानम में कर्फ्यू लगा दिया, जो शुक्रवार यानि आज तक लागू रहेगा. पठानमथिट्टा जिला कलेक्टर पीबी नूह ने कहा कि प्रशासन द्वारा सबरीमाला आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी.
इससे पहले गुरुवार (18 अक्टूबर) को एक महिला पत्रकार को उस वक्त मंदिर में जाने से रोका था, जब वो अपने एक पुरिष सहयोगी के साथ पंबा से दो घंटे की पैदल यात्रा तय कर सबरीमाला जा रही थीं. पुलिस सुरक्षा होने के बाद भी महिलाओं के मंदिर में प्रवेश करने के विरोध में खड़े लोगों के सामने महिला पत्रकार को अपने कदम वापस लेने पड़े.
केरल के प्रख्यात सबरीमाला मंदिर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने के बाद पहली बार बुधवार को मंदिर के कपाट खोले गए. मंदिर के कपाट खोलने से पहले और बाद में काफी हंगामा हुआ. सैंकड़ों की संख्या में मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की और वहां मौजूद कुछ लोगों ने उन्हें रोकने की कोशिश की. इस दौरान काफी मारपीट और हिंसा भी हुई.
श्रद्धालुओं की दलील है कि मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दिए जाने से भगवान का ब्रह्मचर्य भंग होगा. यही वजह है कि वे 10 साल की उम्र से लेकर 50 साल तक की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश का विरोध कर रहे हैं.