सबरीमाला मामला: SC के आदेश के खिलाफ रैली, तृप्ति देसाई जल्द मंदिर में करेंगी दर्शन
तिरुवनंतपुरम: केरल के सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने के खिलाफ भगवान अय्यप्पा के हजारों भक्त शनिवार को सड़कों पर उतर आए. वहीं सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने जल्द ही पर्वतीय मंदिर में दर्शन के लिए जाने का ऐलान किया है. माकपा की अगुवाई वाली लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) सरकार ने शीर्ष अदालत के निर्णय को लागू करने का फैसला किया है. सरकार ने एक बैठक कर मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए तैयारी का जायजा लिया.
मंदिर मासिक पूजा के लिए 17 अक्टूबर शाम को खुलेगा. सरकार ने मंदिर में देसाई के प्रस्तावित दर्शन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन भगवान अय्यप्पा के भक्तों और भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. भाजपा मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ अभियान चला रही है. पडलम शाही परिवार के सदस्य शशिकुमार वर्मा ने देसाई की आलोचना करते हुए उनसे ‘अतिसक्रिय’ कदम उठाने से परहेज करने का अनुरोध किया.
उन्होंने वाम सरकार से भी किसी तरह की कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को रोकने के लिए कदम उठाने को कहा. ‘भूमाता ब्रिगेड’ की नेता देसाई ने मुंबई में कहा कि वह कुछ महिलाओं के साथ जल्द ही मंदिर में दर्शन करेंगी. उन्होंने एक मलयालम टीवी चैनल से कहा, ‘‘ हम जल्द सबरीमला मंदिर में दर्शन करेंगे.
भक्तों का आंदोलन सबरीमाला मंदिर के फैसले के खिलाफ है. मैं आंदोलनकर्ताओं से अपील करती हूं कि मंदिर में पूजा के लिए आने वाली महिलाओं का स्वागत करें. ’’ देसाई ने कहा, ‘‘ मैं कांग्रेस और भाजपा से पूछना चाहती हूं कि क्या वे महिलाओं के मौलिक अधिकारों के खिलाफ हैं. इन पार्टियों को इसपर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए. ’’
भगवान अय्यप्पा की तस्वीर वाली तख्तियां पकड़े और भजन लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने कोच्चि की व्यस्त सड़कों पर मार्च निकाला. उन्होंने अपना विरोध प्रसिद्ध शिव मंदिर से शुरू किया था. भक्तों में बड़ी संख्या में महिलाएं थीं. उन्होंने मंदिर की सदियों पुरानी परंपराओं की शुचिता की रक्षा के लिए केंद्र और राज्य सरकार से मामले में दखल देने का आग्रह किया.
इस भी बीच, भाजपा की अगुवाई वाला राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक गठबंधन (राजग) का ‘लॉन्ग मार्च’ शनिवार को कोल्लम पहुंचा. मार्च की अगुवाई करने वाले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पीएस श्रीधरन पिल्लई ने कहा कि देसाई के सबरीमला आने को एक चुनौती माना जाए. उन्होंने कहा, ‘‘ यह एक खतरनाक रुख है. उन्हें मंदिर आने से परहेज करना चाहिए और सबरीमला को एक तनावग्रस्त क्षेत्र नहीं बनाना चाहिए. ’’
पिल्लई ने कहा, ‘‘ मैं नहीं जानता कि वह एक भक्त हैं या नहीं, लेकिन उनका आना आग में घी का काम करेगा. ’’ कार्यकर्ता राहुल एसवार ने सबरीमला में पांच दिन की मासिक पूजा के दौरान भूख हड़ताल का ऐलान किया हुआ है. उन्होंने कहा कि अगर देसाई भगवान अय्यप्पा के मंदिर आने की कोशिश करती हैं तो वह उन्हें रोकेंगे.