सबसे ‘गरीब’ सीएम रहे माणिक सरकार को फेसबुक पोस्ट में बताया चोर, हुआ मुकदमा

त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर चोर कहना एक यूजर को भारी पड़ गया। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक त्रिपुरा पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस बात की पुष्टि पश्चिमी अगरतला पुलिस स्टेशन के ड्यूटी अफसर ने की है। पुलिस के पास बीते 21 अगस्त को ये शिकायत एडवोकेट कौशिक रॉय देबबर्मा ने दर्ज करवाई है। आरोपी अनुपम पाल पर आरोप है कि उसने पूर्व मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाई है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, माणिक सरकार और रोजवैली ग्रुप के चेयरमैन गौतम कुंडू की कथित फोटोशॉप की हुई दो तस्वीरें फेसबुक पर अपलोड की गईं थीं। ये तस्वीरें फेसबुक पेज ‘टीम अनुपम पॉल’ से अपलोड की गईं थीं। पोस्ट में लिखा गया था, ‘दो चोर अगरतला की सड़कों पर भिखारी के कपड़े पहने हुए।’ शिकायतकर्ता का आरोप है कि इस पोस्ट से साफ संदेश देने की कोशिश की गई कि माणिक सरकार की संलिप्तता रोजवैली चिट फंड घोटाले में है।

माणिक सरकार त्रिपुरा के पांच बार मुख्यमंत्री रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद उन्हें देश का सबसे गरीब मुख्यमंत्री माना जाता था। सरकार ने सोमवार (29 जनवरी) को फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए हलफनामा दाखिल किया था। इसमें उन्होंने हाथ में महज 1520 रुपये नकद होने की जानकारी दी। इसके अलावा माकपा के वरिष्ठ नेता के बैंक खाते में 20 जनवरी तक 2410 रुपये थे। वर्ष 2013 में उनके पास 9,720 रुपये थे। माणिक सरकार को वेतन के तौर पर 26,315 रुपये मिलते थे। वह पूरी राशि पार्टी फंड को दान कर देते थे। इसके बदले में पार्टी की ओर से उन्हें जीवन-यापन के लिए 9,700 रुपये प्रति माह दिया जाता था।

रिपोर्ट के मुताबिक, त्रिपुरा की सीपीआईएम की राज्य कमिटी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री सरकार ने अगरतला में केरल के बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए धन जुटाने के कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। लेकिन उनकी तस्वीरों से छेड़छाड़ करके उनका चरित्र हनन करने की कोशिश की गई। सीपीआईएम के राज्य महासचिव हरिपद दास ने अपने बयान में कहा, ”सरकार की तस्वीरें फंड जुटाने के लिए आयोजित किए गए कार्यक्रम की हैं। उनमें छेड़छाड़ करके अलग से गौतम कुंडू की तस्वीरों को जोड़ दिया गया। इसके बाद उन्हें फेसबुक पर अपलोड भी किया गया। ये साफ तौर पर चरित्र हनन का प्रयास है और हम इसकी निंदा करते हैं।”

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों में माणिक सरकार की सरकार के कई मंत्री जिनमें पूर्व राजस्व मंत्री बादल चौधरी, पूर्व सामाजिक न्याय और सामाजिक शिक्षा मंत्री बिजिता नाथ और वरिष्ठ सीपीआईएम नेता गौतम दास पर रोजवैली घोटाले में शामिल होने के आरोप लगे है। इन सभी के खिलाफ सीबीआई जांच कर रही है। हालांकि इस मामले में सरकार के नाम का उल्लेख कभी भी नहीं हुआ है। इस कथित घोटाले में त्रिपुरा के 14 लाख लोगों ने 3500 करोड़ रुपये की रकम गंवाई है। हालांकि सरकार साल 2008 में अगरतला में आयोजित रोजवैली के एक इवेंट में शामिल हुए थे। लेकिन उन्होंने कहा कि वह कंपनी के वास्तविक कारोबार से वाकिफ नहीं थे।

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