सबसे पहले की थी नरेंद्र मोदी को पीएम बनाने की वकालत, अब छोड़नी पड़ी पार्टी, 24 साल IAS अफसर, 34 साल राजनीति

पूर्व केंद्रीय वित्त और विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ने आज (21 अप्रैल, 2018) भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को छोड़ने का एलान करते हुए कहा कि वो दलगत राजनीति से संन्यास ले रहे हैं। पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में राष्ट्रीय मंच के कार्यक्रम में उन्होंने इसकी घोषणा की। चार साल पहले यशवंत सिन्हा ने चुनावी संन्यास ले लिया था। उससे पहले साल 2009 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद उन्होंने पार्टी उपाध्यक्ष का भी पद छोड़ दिया था। बता दें कि पिछले कुछ महीनों से यशवंत सिन्हा लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की आलोचना करते रहे हैं और खासकर आर्थिक और विदेश नीति पर सरकार को कठघरे में खड़ा करते रहे हैं। सिन्हा ने नोटबंदी और जीएसटी की भी आलोचना की थी।

यशवंत सिन्हा को बीजेपी का पितामह कहे जानेवाले लालकृष्ण आडवाणी का करीबी और भरोसेमंद समझा जाता है लेकिन ऐसा भी नहीं है कि यशवंत सिन्हा शुरू से ही नरेंद्र मोदी की खिलाफत करते रहे हैं। करीब पांच साल पहले जून 2013 में जब गोवा में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में 2014 के लोकसभा चुनावों की कमान नरेंद्र मोदी के हाथों में सौंपने का फैसला हो रहा था तब आडवाणी के अलावा उमा भारती, जसवंत सिंह, शत्रुघ्न सिन्हा, यशवंत सिन्हा और योगी आदित्यनाथ उस बैठक से गायब थे। हालांकि, पत्रकारों ने जब पूछा था तब उन्होंने कहा था कि उन्हें ‘नमोनिया’ नहीं हुआ है। किसी अन्य वजह से बैठक में नहीं पहुंचे हैं। बाद में आज तक के खास कार्यक्रम ‘थर्ड डिग्री’ में उन्होंने कहा था कि वो ऐसे पहले व्यक्ति रहे हैं जिसने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने के लिए पार्टी में आवाज बुलंद की थी।

यशवंत सिन्हा मूलत: बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। हजारीबाग (अब झारखंड) से वो दो बार सांसद रह चुके हैं। राजनीति में आने से पहले सिन्हा भारतीय प्रसासनिक सेवा के अफसर थे। उन्होंने 24 साल तक बिहार सरकार और केंद्र सरकार में अहम पदों की जिम्मेदारी संभाली। 1984 में उन्होंने आईएएस की नौकरी से इस्तीफा देकर जनता पार्टी ज्वाइन कर ली थी। 1986 में वो पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बनाए गए और 1988 में राज्य सभा सांसद चुने गए थे। 1989 में जनता दल का गठन हुआ तो वो महासचिव बनाए गए। चंद्रशेखर सरकार में यशवंत सिन्हा नवंबर 1990 से जून 1991 तक मंत्री थे। 1996 में वो बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाए गए। इसके दो साल बाद 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री बने थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *