सब्जीवाले की बेटी ने बनाई टीम इंडिया में जगह, कहा- 2011 तक टीवी पर नहीं देखा था क्रिकेट, लगा था कि लड़कों संग खेलूंगी
मुंबई की 17 वर्षीय राधा यादव ने पिछले महीने दक्षिण अफ्रीका में खेली गई महिला क्रिकेट सीरीज के लिए भारतीय महिला क्रिकेट टीम में जगह बनाई। टीम इंडिया में जगह बनाने तक राधा बेहद संघर्ष के दौर से गुजरीं। कांदिवली में 225 स्कवॉयर फीट के मकान में रहने वाली राधा बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखती है। राधा के पिता ओमप्रकाश यादव सोसाइटी के बाहर फुटपाथ पर सब्जियों और परचूनी के सामान की अस्थाई दुकान चलाते हैं। मिड डे की खबर के मुताबिक राधा के परिवार में उन्हें मिलाकर 9 लोग हैं, घर छोटा है, लेकिन उनके किट बैग के लिए हमेशा जगह बनी रहती है। राधा को क्रिकेटर बनाने में उनके पिता का बड़ा योगदान रहा है। हाल ही में टीम इंडिया के लिए खेलने वाली राधा को इतनी तो शोहरत मिल गई है कि उनके घर का पता अब उनका नाम बताने पर लोग बता देते हैं। लेकिन राधा अपने पिता की अस्थाई दुकान के लिए चिंतित रहती हैं। पिता को रोजाना दुकान का सामान घर से लाना-लेजाना पड़ता है। इलाका बृहन्मुंबई नगर निगम में लगता है इसलिए उसकी कार्रवाई का डर बना रहता है।
राधा कहती हैं कि एकबार वह टीम इंडिया की नियमित खिलाड़ी हो जाएं तो पिता की दुकान के लिए जुगाड़ करेंगी। इनकी कहानी इसलिए भी दिलचस्प हैं क्योंकि भारतीय महिला क्रिकेट टीम में खेलने वाली राधा ने 2011 के विश्वकप तक टीवी पर क्रिकेट मैच नहीं देखा था। यह बात राधा खुद बताती हैं। राधा कहती हैं- ”मुझे यह भी नहीं पता था कि महिलाएं इंटरनेशनल लेवल पर क्रिकेट खेलती हैं और जब मैंने खेलना शुरू किया तब तक मैंने कभी मिताली राज और झूलन गोस्वामी का नाम नहीं सुना था। मैं सोचती थी कि मैं लड़कों के साथ खेलूंगी, लेकिन बाद में पता चला कि यह संभव नहीं है।”
राधा बताती ही कि एक दिन कंपाउंड में खेलते वक्त कोच नाइक की नजर उन पर पड़ी, तब वह गेंदबाजों को धो रही थीं, तभी कोच उनसे इंप्रेस हो गए और फिर धीरे-धीरे क्रिकेट की राह आसान होती गई। पिछले हफ्ते राधा ने इंग्लैंड के खिलाफ ब्रेबर्न स्टेडियम में भारत की ए टीम की तरफ से कुछ एक अभ्यास मैच खेले। शुक्रवार को राधा को वर्तमान त्रिकोणीय श्रृंखला में चोटिल हुईं राजेश्वरी गायकवाड़ की जगह शामिल किया गया।