सरकारी गेस्ट हाउस में पत्नी के साथ रहना चाहते हैं अखिलेश यादव, सरकार से मांगा कमरा
यूपी में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी बंगला खाली करवाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए राज्य के संपत्ति विभाग ने आवंटित बंगलों को खाली करवाना शुरू कर दिया है। बुधवार (30 मई) की शाम करीब 5 बजे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को आवंटित सरकारी आवास 4, विक्रमादित्य मार्ग से तीन ट्रक सामान लेकर बाहर निकलते देखे गए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये ट्रक सामान लेकर गोमती नगर में सहारा प्रमुख सुब्रत राय सहारा की सहारा सिटी में जाते देखे गए हैं।
हालांकि अखिलेश यादव ने अभी भी सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर रखी है। राज्य संपत्ति विभाग द्वारा जारी किए गए नोटिस में उन्हें 15 दिन का वक्त दिया गया था। इस नोटिस की मियाद 2 जून को पूरी होने वाली है। कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अब सरकारी गेस्ट हाउस में रहना चाहते हैं। उन्होंने राज्य संपत्ति अधिकारी को पत्र लिखकर यह मांग की है कि पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते उन्हें और पूर्व सांसद होने के नाते उनकी पत्नी डिंपल यादव को रूम देने के लिए कहा है। दावा है कि इस पत्र में सांसद संजय सेठ और सुरेंद्र नागर का भी नाम है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राज्य संपत्ति विभाग से नोटिस मिलने के बाद केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह व राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने पूर्व सीएम के रूप में मिले अपने बंगले खाली करने शुरू कर दिए थे। जबकि, पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह और अखिलेश यादव ने निज आवास न होने का हवाला देकर दो वर्ष का समय मांगा था। इतना ही नहीं अतिरिक्त समय के लिए दोनों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका भी दायर की थी।
राज्य संपत्ति अधिकारी योगेश कुमार शुक्ला का कहना है कि अखिलेश यादव व मुलायम सिंह की ओर से आवास खाली करने के लिए दो वर्ष मांगने के पत्र पर न्याय विभाग की अनुमति नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आवास खाली कराने को नियमानुसार कार्रवाई होगी। आवास खाली करने के लिए जारी नोटिस में 15 दिन का समय है, जो दो जून को पूरा होगा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में दायर पुनर्विचार याचिका पर किसी निर्णय जानकारी उनके पास नहीं है, इसलिए अतिरिक्त समय देने का औचित्य नहीं रहा। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री के द्वारा गेस्ट हाउस में कमरा आवंटन के लिए पत्र लिखे जाने के सवाल का कोई जवाब नहीं दिया।