सरकारी स्कूलों की जमीन पर मोहल्ला क्लीनिक!
अब बच्चों को छोड़ने स्कूल जाइए और तबीयत ठीक नहीं लग रही हो तो लगे हाथों वहीं अपना इलाज भी कराते आइए। ऐसा करना अब संभव होगा क्योंकि मोहल्ला क्लीनिकों के लिए जगह नहीं मिलने से परेशान दिल्ली की सरकार सूबे के सरकारी स्कूलों में उपलब्ध जमीन पर ही नए मोहल्ला क्लीनिक खोलने की तैयारी में जुट गई है। खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इन क्लीनिकों को जल्द शुरू किया जाए। बीते दस दिनों से अपना ध्यान योग साधना में लगाए बैठे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अब अपना पूरा ध्यान राजधानी की विकास योजनाओं पर लगा दिया है। उन्होंने बुधवार को मंत्रिमंडल के सहयोगी मंत्रियों व आला अधिकारियों के संग बैठक कर दिल्ली के विकास से संबंधित अपनी सरकार की तमाम प्रमुख योजनाओं के विकास की समीक्षा की। इसके तहत मुख्यमंत्री ने मोहल्ला क्लीनिकों से लेकर स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा, अनधिकृत कालोनियों के विकास से संबंधित योजनाओं को लेकर मंत्रियों व अधिकारियों के साथ समीक्षा की। दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने बताया कि इस बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना बनाई गई है।
इसका ब्लू प्रिंट तैयार किया जा रहा है और इस काम को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा। स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे अन्य कदमों के बारे में भी उन्हें जानकारी दी गई। केजरीवाल ने इस मामले में नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के अपनाए गए मॉडल पर ध्यान देने की नसीहत दी। इसी तरह उन्होंने कमजोर विद्यार्थियों की मदद करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने सरकारी स्कूलों में मोहल्ला क्लीनिक खोले जाने संबंधी योजना के बारे में भी जानकारी मांगी और कहा कि दूसरे चरण के मोहल्ला क्लीनिक शुरू करने के काम में भी तेजी लाई जानी चाहिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को भी निर्देश दिए कि पहले से चल रहे मोहल्ला क्लीनिकों के ठीक से संचालन का भी ख्याल रखा जाए और अगर उनमें किसी किस्म की कमी है तो उन्इें इस महीने के अंत तक तक दूर किया जाए। उन्होंने कहा कि इन क्लीनिकों के लिए डॉक्टरों की कमी की समस्या को जल्दी से जल्दी दूर किया जाना चाहिए। उन्होंने मुख्य सचिव को आदेश दिए कि सरकारी अस्पतालों में खाली पड़े पदों को जल्द से जल्द भरा जाए और स्वास्थ्य विभाग से भी कहा कि वह अस्पतालों में मुफ्त दवा बंटवारे के लिए काउंटरों की संख्या बढ़ाए।