सरकार से सस्ती जमीन लेने वाले अस्पतालों को करना होगा गरीबों का मुफ्त में इलाज: सुप्रीम कोर्ट
दिल्ली में रहने वाले समाज के आर्थिक तौर पर कमजोर तबके के लोगों के लिए सोमवार (9 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट का फैसला सौगात लेकर आया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक अब दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों को गरीब लोगों का इलाज मुफ्त में करना पड़ेगा। शीर्ष अदालत के आदेशानुसार प्राइवेट अस्पताल पहले से तय किए गए गरीबों के कोटे की पात्रता रखने वाले गरीबों का इलाज मुफ्त में करेंगे। शीर्ष अदालत ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर मुहर लगाते हुए यह आदेश दिया है। समचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया है कि दिल्ली के जिन प्राइवेट अस्पतालों को सरकार ने सब्सिडी देते हुए सस्ती दरों में जमीनें उपलब्ध कराई हैं, उन्हें निर्धारित कोटे के तहत समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आने वाले लोगों का इलाज मुफ्त में करना होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शीर्ष अदालत ने प्राइवेट अस्पतालों को चेतावनी दी है कि अगर फैसले की किसी तरह से अवहेलना की जाती है तो उनकी जमीनों के पट्टे रद्द कर दिए जाएंगे।
सुप्रीम के फैसले के मुताबिक प्राइवेट अस्पतालों के बाह्य रोग विभाग (ओपीडी) को 25 फीसदी और आंतरिक रोगी विभाग (आईपीडी) 10 फीसदी गरीब मरीजों का इलाज मुफ्त में करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को गरीबों के लिए वरदान और प्राइवेट अस्पतालों के लिए झटके के तौर पर देखा जा रहा है। अक्सर ऐसी खबरें आती रही है कि प्राइवेट अस्पतालों के महंगे इलाज के चलते लोगों को अपने घर और जमीनें तक बेचनी पड़ी हैं। सुप्रीम कोर्ट का फैसला निश्चित तौर पर गरीबों के लिए राहत भरा है।
सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले का सोशल मीडिया पर लोगों ने स्वागत करना शुरू कर दिया है। एएनआई के ट्वीट पर यूजर ने कमेंट में लिखा कि यह फैसला अच्छा है, प्राइवेट अस्पताल चाहें तो अन्य मरीजों के लिए इलाज के पैसे बढ़ा सकते हैं। राहुल कुमार गुप्ता ने नाम के यूजर ने लिखा है कि यह एक महान फैसला है और हम इसकी सराहना करते हैं।