सर्वे: 46% लोगों ने राहुल गांधी को बताया 2019 में नरेंद्र मोदी का विकल्प, लगातार बढ़ रही लोकप्रियता
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में पीएम नरेंद्र मोदी के सामने विपक्ष की तरफ से कौन सा चेहरा विकल्प हो सकता है। इस पर इंडिया टुडे-कार्वी इनसाइड्स ने “मूड ऑफ द नेशन” सर्वे के जरिए रोचक आंकड़े जारी किए हैं। सर्वे के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को नरेंद्र मोदी के विकल्प के तौर पर 46 फीसदी लोगों ने पहली पसंद बताया है। जुलाई 2018 में हुए सर्वे में विपक्ष के नेताओं में राहुल गांधी टॉप पर हैं जबकि तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को मात्र 8 फीसदी लोगों ने अपनी पसंद बताया है। ममता इस सर्वे में दूसरे नंबर पर हैं। तीसरे नंबर पर लोगों ने 6 फीसदी वोट के साथ पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को रखा है। एक बात और अहम है कि राहुल गांधी की लोकप्रियता का ग्राफ दिनों दिन बढ़ता जा रहा है।
सर्वे के मुताबिक फरवरी 2016 में 32 फीसदी लोगों ने राहुल को पहली पसंद बताया था जो अगस्त 2016 में घटकर 23 फीसदी हुआ। फिर जनवरी 2017 में यह आंकड़ा 28 फीसदी, जुलाई 2017 में 21 फीसदी, जनवरी 2018 में 45 फीसदी और अब जुलाई 2018 में बढ़कर 46 फीसदी हो गया है। यानी दो साल में राहुल की लोकप्रियता में दोगुना इजाफा हुआ है। सर्वे में राहुल की बहन प्रियंका गांधी को 6 फीसदी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को 4 फीसदी, आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को 4 फीसदी, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक को 2 फीसदी, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार को 2 फीसदी, बसपा सुप्रीमो मायावती को 2 फीसदी और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू को एक फीसदी लोगों ने अपनी पसंद बताया है।
हालांकि, सर्वे के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी अभी भी 49 फीसदी लोगों की पसंद के साथ प्रधानमंत्री पद के सबसे लोकप्रिय चेहरे बने हुए हैं। मोदी के मुकाबले सर्वे में राहुल गांधी को 27 फीसदी लोगों ने पसंद किया था, जबकि विकल्प के तौर पर उन्हें 46 फीसदी लोगों ने पसंद किया है। सर्वे में देशभर के 12100 लोगों से फीडबैक लिया गया था। वैकल्पिक चेहरे के तौर पर राहुल सभी समुदायों और प्रदेशों में अन्य विपक्षी नेताओं से आगे हैं। उन्हें 45 फीसदी हिन्दुओं, 47 फीसदी मुस्लिमों और अन्य समुदाय के 52 फीसदी लोगों ने पहली पसंद बताया है। इसके अलावा देश के उत्तरी प्रदेशों में राहुल को 36 फीसदी, पूर्वी प्रदेशों में 42 फीसदी, दक्षिण में 56 फीसदी और पश्चिमी प्रदेशों में 52 फीसदी लोगों ने पहली पसंद बताया है।