सांड के हमले से बाल-बाल बचे नवजोत सिंह सिद्धू, सुरक्षाकर्मियों ने बचाया
पूर्व क्रिकेटर और पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू बुधवार को बाल—बाल बच गए। सिद्धू अमृतसर के दुर्गियाना मंदिर में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा करने के लिए गए थे। इसी दौरान सिद्धू पर एक सांड़ ने हमला कर दिया। सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत सिद्धू को खींचकर सांड़ से दूर कर दिया। इससे मौके पर अफरा—तफरी की स्थिति भी बनी। लेकिन इस वाकये में मौके पर मौजूद दो स्थानीय पत्रकारों को चोटें आईं हैं।
बताया गया कि पंजाब के अमृतसर में मशहूर दुर्गियाना मन्दिर के पास हेरिटेज वॉक के निर्माण का काम चल रहा है। इसी निर्माण कार्य की समीक्षा बैठक में हिस्सा लेने के लिए पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू मौके पर पहुंचे थे। सिद्धू बैठक से भाग लेने के बाद बाहर निकलकर जूता पहन रहे थे। इसी दौरान एक आवारा सांड़ भीड़ को चीरकर उनकी तरफ निकल आया। उसने सिद्धू पर हमले की कोशिश भी की। लेकिन सिद्धू के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें एक तरफ करके बचा लिया। लेकिन सांड ने दो पत्रकारों को जरूर घायल कर दिया। पत्रकारों को इलाज के लिए प्राथमिक चिकित्सालय भेजा गया है।
I have uploaded: Narrow escape for Navjot Singh Sidhu in Bull attack (update) on @YouTube https://t.co/qqgayzxcBs
— RUPINDER KALER (@kalertheking) May 9, 2018
सिद्धू पर सांड़ के हमले की सूचना के बाद आसपास के लोग भी जमा हो गए। लोगों ने इस घटना के लिए जमकर नगर निगम के अधिकारियों को कोसा। लोगों का आरोप था कि लगातार कई बार शिकायत करने के बाद भी सांड़ों और आवारा मवेशियों को हटाने के लिए नगर निगम के जरूरी प्रयास नहीं किए। लोगों का कहना था कि कैबिनेट मंत्री के साथ हुई घटना तो प्रकाश में आ गई, हम लोग तो रोज ही इस घटना से दो—चार होते रहते हैं। कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पर सांड़ के हमले के बाद नगर निगम के अधिकारियों में हड़कंप की स्थिति है।
नगर निगम और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने इस घटना को गंभीरता से लिया है। नगर निगम के अधिकारियों ने तुरंत कैटल कैचिंग दस्तों को सक्रिय होने के आदेश दिए हैं। बता दें कि अमृतसर शहर में दरबार साहिब और दुर्गियाना मन्दिर के पास में बड़ी तादाद में आवारा मवेशी सड़कों पर घूमते रहते हैं। जबकि इन दोनों ही स्थानों पर बड़ी संख्या में देश—विदेश से लाखों श्रद्धालु रोज आते हैं। निगम अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा रोज ही कई पर्यटकों को भुगतना पड़ता है।