साइंस कांग्रेस: मणिपुर यूनिवर्सिटी में जुटेंगे देश भर के वैज्ञानिक, उस्‍मानिया में नरेंद्र मोदी के विरोध का था डर

इंडियन साइंस कांग्रेस का आयोजन हैदराबाद के बजाय अब पूर्वोत्‍तर राज्‍य मणिपुर की राजधानी इंफाल में किया जाएगा। राज्‍यपाल और मुख्‍यमंत्री ने देश के सबसे प्रतिष्ठित सम्‍मेलनों में से एक को मणिपुर यूनिवर्सिटी में आयोजित करने के प्रस्‍ताव की पुष्टि कर दी है। साथ ही साइंस कांग्रेस का आयोजन अब जनवरी के बजाय मार्च में किया जाएगा। पहले इसका आयोजन हैदराबाद के उस्‍मानिया यूनिवर्सिटी में किया जाना था। लेकिन, छात्रों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध और सुरक्षा संबंधी दिक्‍कतों को देखते हुए इसे टालना पड़ा था। ऐसे में अगले साल इसके आयोजन पर ग्रहण लग गया था, लेकिन अब नई उम्‍मीद जगी है। साइंस कांग्रेस के सौ साल से भी ज्‍यादा के इतिहास में पहली बार इसे स्‍थगित किया गया था। इसमें देश के विभिन्‍न हिस्‍सों के वैज्ञानिक और शोधकर्ता हिस्‍सा लेते हैं।

इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन के महासचिव प्रोफेसर गंगाधर ने सम्‍मेलन को मार्च में मणिपुर में आयोजित करने की जानकारी दी है। उन्‍होंने बताया कि राज्‍यपाल और मुख्‍यमंत्री ने इसके लिए हामी भर दी है। साथ ही एसोसिएशन को इससे अवगत भी करा दिया गया है। ‘द हिंदू’ की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तिथि को लेकर जल्‍द ही प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा जाएगा। इसके बाद ही नई तारीख की घोषणा की जाएगी। प्रोफेसर गंगाधर ने बताया कि साइंस कांग्रेस के लिए नए सिरे से पंजीकरण कराने की जरूरत होगी। उन्‍होंने ज्‍यादा से ज्‍यादा वैज्ञानिकों के इसमें शामिल होने की उम्‍मीद जताई है। देश के सबसे बड़े विज्ञान सम्‍मेलन में छात्रों के साथ ही नोबेल पुरस्‍कार विजेता भी शिरकत करते हैं। पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के समय से ही देश के पीएम इंडियन साइंस कांग्रेस में शामिल होकर नए कैलेंडर वर्ष में सार्वजनिक सम्‍मेलनों में शिरकत करने की शुरुआत करते हैं।

उस्‍मानिया यूनिवर्सिटी में एक छात्र द्वारा आत्‍महत्‍या करने के बाद से विवि परिसर में तनाव की स्थिति है। छात्र पीएम मोदी और तेलंगाना के मुख्‍यमंत्री के. चंद्रशेखर राव का विरोध करने की योजना बना रखी थी। बताया जाता है कि पुलिस ने सीएम को पहले ही इसकी सूचना दे दी थी। ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से विवि परिसर में साइंस कांग्रेस का आयोजन संभव नहीं था। सौ साल के इतिहास में यह पहला मौका था जब कांग्रेस शुरू होने से कुछ दिनों पहले ही आयोजकों ने हाथ खड़े कर दिए। उस्‍मानिया यूनिवर्सिटी इसको लेकर जारी ज्‍यादातर फंड का इस्‍तेमाल भी नहीं कर पाया था।

 

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