साथ-साथ दिखे बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा और अरविंद केजरीवाल, राजनीति में चढ़ा सियासी पारा
आर्थिक मोर्चे पर अपनी ही हुकूमत को कठघरे में खड़ा कर जबरदस्त सियासी बवंडर खड़ा करने वाले वरिष्ठ भाजपा नेता यशवंत सिन्हा के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मंच साझा करने से दिल्ली के सियासी गलियारों में अटकलों का बाजार गरमा गया है। कांग्रेसी नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी के मंच पर केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ विरोध की आवाज बुलंद करने वाले सिन्हा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीखी आलोचना कर सुर्खियां बटोरने वाले केजरीवाल की मौजूदगी को तेजी से बदलते राजनीतिक माहौल में नए समीकरणों की आहट के तौर पर देखा जा रहा है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने एक किताब लिखी है ‘टाइडिंग आॅफ ट्रबल्ड टाइम्स’। पिछले एक साल के राजनीतिक हालातों का विश्लेषण करने वाली इस किताब का विमोचन करने के लिए भाजपा नेता यशवंत सिन्हा गुरुवार देर शाम दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर पहुंचे थे। लेकिन इस कार्यक्रम में सूबे के मुख्यमंत्री केजरीवाल की मौजूदगी ने माहौल में सियासत का रस घोल दिया। दोनों नेताओं ने केंद्र की हुकूमत पर जमकर हमला भी बोला। केजरीवाल भी देश के मौजूदा आर्थिक हालात को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर हमलावर दिखे। उन्होंने कहा कि माहौल कुछ ऐसा बन गया है मानों पूरे देश की ही निगरानी की जा रही है। सिन्हा ने भी कहा कि उन्हें मालूम है कि जिन नेताओं के साथ वे मंच साझा कर रहे हैं, उनको लेकर क्या-क्या बातें हो सकती हैं लेकिन उन्होंने दो टूक कहा कि वे इस बात की कतई परवाह नहीं करते।
खास बात यह भी रही कि इस पूरे कार्यक्रम में केजरीवाल कांग्रेस के प्रति नरम दिखे। कांग्रेस नेता के कार्यक्रम में भाजपा नेता संग आम आदमी पार्टी संयोजक केजरीवाल की मौजूदगी को लेकर पूछने पर आम आदमी पार्टी के नेता और पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष दिलीप पांडेय ने शुक्रवार को कहा कि इसमें किसी को भला क्या आपत्ति हो सकती है। मनीष तिवारी लेखक हैं, उन्होंने व्यक्तिगत निमंत्रण देकर मुख्यमंत्री को बुलाया तो वे चले गए। इसमें गलत क्या है और इसको लेकर किसी किस्म की अटकल का कोई तुक नहीं है। उन्होंने तंज भी कसा कि हमलोग कोई आतंकवादी थोड़े ही हैं।
सनद रहे कि कांग्रेसी हलकों में भी इस कार्यक्रम को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। पार्टी सूत्रों की मानें तो मनीष तिवारी ने केजरीवाल को अपने मंच पर आमंत्रित करने से पहले कांग्रेस हाईकमान से इसकी इजाजत जरूर ली होगी। दूसरी ओर यह भी सच है कि राष्टÑपति चुनाव और उपराष्टÑपति चुनाव तक में विपक्षी दलों के गठजोड़ में आम आदमी पार्टी को शामिल करने को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और वामपंथी नेताओं की पैरवी को कांग्रेस ने मानने से इनकार कर दिया। दिल्ली में आम आदमी पार्टी से दो-दो हाथ कर रही कांग्रेस ने केजरीवाल की अगुआई वाली पार्टी को गठबंधन में शामिल करने से इनकार कर दिया। ऐसे में अब कांग्रेसी नेता के मंच पर यशवंत सिन्हा के साथ केजरीवाल की मौजूदगी से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि आने वाले दिनों में नए राजनीतिक समीकरण बन सकते हैं।