साल 2020 तक 915 अरब खर्च कर सुदूर गांवों को सड़क से जोड़ना चाहते हैं पीएम नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मार्च 2020 तक सुदूर गांवों को सड़क से जोड़ने के लिए 915 अरब रुपए अतिरिक्त खर्च करने की योजना बना रहे हैं। करीब 1.4 लाख करोड़ रुपए पहले ही इस योजना के तहत खर्च किए जा चुके हैं। कीमत को केंद्र और राज्य सरकार के बीच 60:40 फीसदी के अनुपात में बांटा जाएगा। इकनॉमिक टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी इस प्रोजेक्ट से जुड़े एक अधिकारी के हवाले से लिखी है। जीएसटी और नोटबंदी के फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भारत की अर्थव्यवस्था को नीचे ले जाने को लेकर निशाना साधा रहा है। ऐसे में पीएम मोदी का यह प्रोजेक्ट राज्यों के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव मदद कर सकता है। यह फंड प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत खर्च किया जाएगा, जिसकी शुरुआत साल 2000 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी।

बता दें, हालही हुए हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव और अगले महीने गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने देश की गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने नोटबंदी और जीएसटी को चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने के लिए एक मुद्दा बनाया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नोटबंदी के मुद्दे को गुजरात चुनाव में काफी अच्छे से भुनाया है। कांग्रेस का कहना है कि नोटबंदी से किसी को कुछ हासिल नहीं हुआ।

वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी को सुनियोजित लूट बताया था। उन्होंने कहा था कि यह एक योजना के तहत देश के लूटा गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि नोटबंदी की वजह से चीन को फायदा हुआ है। सिंह ने बताया कि नोटबंदी की वजह से चीन से आयात बढ़ा है। उनके मुताबिक पिछले एक साल में चीन से आयात में 23फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी नई योजनाओं के सहारे लोकसभा चुनाव से पहले लोगों की वाहवाही लूटना चाहते हैं।

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