सिंगापुर: सरप्लस रहा बजट तो सरकार ने नागरिकों को बांट दिए 15-15 हजार रुपये
सिंगापुर ने सरप्लस बजट पेश किया है। इसे देखते हुए सरकार ने 21 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र के नागरिकों को 100 से 300 सिंगापुर डॉलर (तकरीबन 5,000 से 15,000 हजार रुपये) बोनस के तौर पर देने की घोषणा की है। सिंगापुर के वित्त मंत्री हेंग स्वी कीट ने 19 फरवरी को वित्त वर्ष 2018 के लिए आम बजट पेश किया था। इसमें 10 अरब सिंगापुर डॉलर (49,116 करोड़ रुपये) का सरप्लस दिखाया गया। वित्त मंत्री ने सरप्लस बजट पेश करने के साथ ही होंगबाओ (बोनस) देने का भी ऐलान किया था। हेंग ने बताया कि बोनस देने की सरकार की घोषणा उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें विकास का फल आम नागरिकों के बीच बांटने का वादा किया गया था। वित्त मंत्री ने बताया कि देश के सभी नागरिकों को उसके वेतन के हिसाब से बोनस का भुगतान किया जाएगा। इसपर कुल 700 मिलियन सिंगापुर डॉलर (3,438 करोड़ रुपये) का खर्च आएगा। सिंगापुर सरकार की घोषणा अपने-आप में अनूठा है। सरकार ने ऐसे समय में सरप्लस बजट पेश किया है जब वैश्विक अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी है। तकरीबन 27 लाख लोगों को यह बोनस 2018 के अंत तक दे दिया जाएगा।
सिंगापुर सरकार की योजना के मुताबिक, बोनस का भुगतान आय के हिसाब से किया जाएगा। 28,000 सिंगापुर डॉलर (13.75 लाख रुपये) या उससे कम की आय वाले लोगों को 300 सिंगापुर डॉलर (तकरीबन 15 हजार रुपये) दिया जाएगा। जिनकी आय 28,000 सिंगापुर डॉलर से ज्यादा पर 100,000 (49.11 लाख रुपये) से कम होगी उन्हें 200 सिंगापुर डॉलर (तकरीबन 10 हजार रुपये) का बोनस मिलेगा। एक लाख सिंगापुर डॉलर से ज्यादा आय वालों को 100 सिंगापुर डॉलर (तकरीबन 5,000) का भुगतान किया जाएगा। सरप्लस राशि का इस्तेमाल कई अन्य कामों में भी किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि पांच अरब सिंगापुर डॉलर का इस्तेमाल देश में बनाई जा रही नई रेलवे लाइनों के इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड में किया जाएगा। इसका उद्देश देश की आधारभूत संरचनाओं को दुरुस्त करना है। रेल लाइन विकसित करने में धन लगाकर यातायात व्यवस्था को भी बेहतर किया जाएगा। इसके अलावा दो बिलियन सिंगापुर डॉलर का इस्तेमाल प्रीमियम सब्सिडी के लिए होगा। साथ ही वरिष्ठ नागरिकों की मदद वाली बीमा योजनाओं में भी इस पैसे का उपयोग किया जाएगा। सिंगापुर में बुजुर्गों के कल्याण के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं। बचे हुए फंड की मदद से उन्हें ज्यादा आर्थिक मदद मुहैया कराई जा सकेगी।