सिंह इज़ ‘किंगमेकर’: जानिए कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की कुर्सी हिलाने वाले जगमीत सिंह कौन हैं?
जगमीत सिंह की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी 2021 से ही जस्टिन ट्रूडो की सरकार को कनाडा में अपना समर्थन दे रही थी.सरकार को समर्थन देने को लेकर ट्रूडो की पार्टी और एनडीपी के बीच एक समझौता भी हुआ था.
कनाडा की ट्रूडो सरकार अब मुश्किलों में है. कहा जा रहा है कि अगर सबकुछ ऐसा ही चलता रहा तो प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को अपने पद से इस्तीफा भी देना पड़ सकता है. अब सवाल ये है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि जिससे ट्रूडो की सरकार पर एकाएक संकट के बादल मंडराने लगे. इसका जवाब है जगमीत सिंह. वही जगमीत सिंह जिनकी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के समर्थन से कनाडा में ट्रूडो सरकार चल रही थी. लेकिन अब जगमीत सिंह ने ट्रूडो सरकार से अपना समर्थन वापस खींचने का ऐलान कर दिया है. जगमीत सिंह की पार्टी के इस फैसले के बाद से ही ट्रूडो सरकार संकट में है. अब ऐसे में ये जानना जरूरी है कि आखिर जगमीत सिंह हैं कौन और अब ट्रूडो के सामने कौन से विकल्प बच रहे हैं.
आखिर जगमीत सिंह हैं कौन ?
अगर मौजूदा समय की बात करें तो जगमीत सिंह कनाडा की राजनीति में एक जाना-माना नाम हैं. उनकी एक पार्टी है जिसका नाम न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी)है.बात अगर जगमीत सिंह के बैकग्राउंड की करें तो उनका भारत के पंजाब से सीधा संबंध है. उनका जन्म पंजाब के बरनाला जिले के ठीकरिवाल गांव में हुआ था. उनका परिवार 1993 में कनाडा शिफ्ट हो गया था.
ट्रूडो सरकार को 2021 से दे रहे थे समर्थन
जगमीत सिंह की पार्टी ने जस्टिन ट्रूडो की सरकार को 2021 से ही समर्थन दे रही थी. ट्रूडो और जगमीत के बीच हुए इस समझौते को सप्लाई एंड कॉन्फिडेंस के नाम से जाना जाता है. इसके तहत ट्रूडो की पार्टी लिबरल को पार्टियां विश्वास मत के लिए समर्थन देती है.
इस वजह से समर्थन लिया गया वापस
जगमीत सिंह की पार्टी एनडीपी और ट्रूडो की पार्टी के बीच समझौते की कुछ शर्तें तय की गई थीं. ये समझौता संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की सूरत में सरकार को बचाने के लिए किया गया था. उस दौरान यह तय किया गया था कि इसके बदले में लिबरल पार्टी संसद में एनडीपी की प्रमुख प्राथमिकताओं का समर्थन करेगी. इन प्राथमिकताओं में कम आय वाले परिवारों के लिए लाभ, नेशनल फार्माकेयर प्रोग्राम और हड़ताल के दौरान दूसरे वर्कर्स के इस्तेमाल को रोकने वाले कानून की बात थी. पिछले महीने कनाडा में दो सबसे बड़े रेलवे ने अपना काम बंद कर दिया. इसके बाद ट्रूडो की कैबिनेट ने इंडस्ट्रियल बोल्ट को बाध्यकारी मध्यस्थता लागू करने का निर्देश दिया. इस वजह से ही एनडीपी ने अपनी प्राथमिकताओं पर नए सिरे से विचार करना शुरू कर दिया.