सिख के पीछे पड़ी महिला, बोली- पगड़ी उतारो वर्ना फाड़ दूंगी
कनाडा में सिखों की अच्छी-खासी तादात होने पर भी उनके खिलाफ नस्लीय टिप्पिणों के मामले सामने आ रहे हैं। ताजा मामला प्रिंस एडवर्ड आइलैंड के टिगनिश कस्बे का है जहां एक महिला पर एक सिख की पगड़ी फाड़ने की धमकी देने का आरोप लगा है। महिला एक क्लब के मैनेजमेंट में शामिल है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जसविंदर सिंह ढालीवाल रॉयल कनेडियन लीजियन क्लब में दोस्तों संग पूल खेल रहे थे, तभी मैनेजमेंट के लोगों ने उनसे पगड़ी उतारने के लिए कहा। इस क्लब को पूर्व सरकारी कर्मचारी चलाते हैं, जिसमें पूर्व सैनिक भी शामिल हैं। पूल खेल रहे जसविंदर से जब मैनेजमेंट के लोगों ने उनसे सिर में बंधी पगड़ी उतारने के लिए कहा तो बात बढ़ गई। मैनेजमेंट के लोगों की दलील थी कि दिग्गजों के सम्मान क्लब में किसी तरह की चीज सिर पर नहीं पहनने की वहां नीति है। हालांकि लीजियन की नीति में सिर पर पहने वाली धार्मिक चीजों के लिए छूट दी गई है।
घटना बुधवार (17 जनवरी) की है। घटना के एक वीडियो में कथित तौर पर दिखाया गया है कि एक महिला वीडियो फिल्माए जाने के जवाब में सिख की पगड़ी फाड़ने की धमकी देती है और क्लब का एक संरक्षक घृणित मुद्रा बनाते हुए कानून का हवाला देकर कहता है कि पगड़ी को जरूर उतार देना चाहिए। मामला इतना बढ़ गया कि लीजियन के प्रेसीडेंट स्टीफन गैलेंट ने बाद में कहा कि वह उन लोगों से माफी मांगने की योजना बना रहे हैं जैसा कि क्लब की नीति में धार्मिक वस्त्रों को पहनने की छूट दी गई है।
गैलेंट ने कहा कि पगड़ी धार्मिक वस्त्र है या नहीं, इस असमंजस के कारण यह घटना हुई। बता दें कि कनाडा में सिखों की अच्छी-खासी आबादी है। इंटरनेट से मिले आंकड़ों के मुताबिक कनाडा में साढ़े चार लाख से ज्यादा सिख रहते हैं। इनमें कई भारतीय प्रवासी हैं। सिखों की तादात ज्यादा होने की वजह से कनाडा में भारत के पंजाब जैसी झलक दिखती है। खास बात यह भी है कि कनाडा में ‘पंजाबी’ को संसद की तीसरी भाषा का दर्जा मिल चुका है। 2015 में इसके हाउस ऑफ कॉमन्स में पंजाबी भाषा वाले 20 उम्मीदवार चुने गए थे।