सिख विरोधी दंगे: सुप्रीम कोर्ट बंद मामलों के बारे में समिति की रिपोर्ट पर करेगा विचार

सुप्रीम कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के बंद किए गए 241 मामलों पर गौर करने के लिए गठित सलाहकार समिति की रिपोर्ट बुधवार को रिकार्ड पर ले ली और कहा कि इस पर विचार किया जाएगा। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ के पीठ ने कहा कि वह शीर्ष अदालत के पूर्व जजों जेएम पांचाल और केएसपी राधाकृष्णन की सलाहकार समिति की रिपोर्ट पर 11 दिसंबर को विचार करेगी। चमड़े के थैले में बंद यह रिपोर्ट अदालत में पेश की गई। इस थैले में नंबर वाला ताला लगा हुआ है।

पीठ ने अतिरिक्त महान्यायवादी पिंकी आनंद सहित सभी संबंधित पक्षों को इस मामले में अदालत की मदद के लिए उपस्थित रहने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि सिख विरोधी दंगों से संबंधित 241 मामले बंद करने की विशेष जांच दल की कार्यवाही के बारे में समिति के एक सदस्य ने बंद किए गए हरेक मामले की जांच के बाद चार सितंबर को एक पत्र लिखा था।

शीर्ष अदालत ने 16 अगस्त को 241 मामले बंद करने के विशेष जांच दल के फैसले के परीक्षण के लिए यह समिति गठित की थी। समिति को तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंपनी थी। केंद्र ने इससे पहले कहा था कि विशेष जांच दल ने 250 मामलों की जांच की थी और इनमें से 241 मामले बंद करने के लिए रिपोर्ट दाखिल की गई थी। केंद्र ने यह भी कहा था कि नौ मामलों की विशेष जांच दल अभी भी जांच कर रहा है और दो मामलों की सीबीआइ जांच कर रही है।

शीर्ष अदालत ने 24 मार्च को केंद्र को निर्देश दिया था कि सिख विरोधी दंगों से संबंधित 199 मामलों की फाइल पेश की जाए। गृह मंत्रालय द्वारा गठित विशेष जांच दल ने इन मामलों को बंद करने का फैसला किया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्तूबर, 1984 को हत्या के बाद भड़के सिख विरोधी दंगों में अकेले दिल्ली में ही 2733 लोग मारे गए थे।

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