सिद्धारमैया ने जब घेरा तो कर्नाटक चुनाव प्रचार से योगी आदित्यनाथ को पड़ा हटना

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन दिनों कर्नाटक में चुनाव प्रचार करने गए हुए हैं लेकिन उन्हें बीच में ही चुनाव प्रचार छोड़कर वापस यूपी लौटना पड़ रहा है क्योंकि राज्य में आंधी-तूफान और तेज बारिश से हुए जानमाल की नुकसान के बाद विपक्षियों ने योगी की खिंचाई की थी और प्रदेशवासियों को भगवान भरोसे छोड़कर चुनाव प्रचार करने का आरोप योगी पर लगाया था। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गुरुवार को योगी पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया था, “यूपी के लोगों सॉरी। मुझे दु:ख है कि आपके सीएम आपको दुख की घड़ी में छोड़कर यहां आए हुए हैं। मुझे उम्मीद है कि वो जल्द अपनी ड्यूटी पर लौटेंगे।” शनिवार की दोपहर तक चुनाव प्रचार करने का योगी का कार्यक्रम था।

सिद्धारमैया के अलावा यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी योगी आदित्यनाथ पर तंज कसा था और कहा था कि योगी जी या तो फौरन राज्य लौटें और आंधी-तूफान से तबाह लोगों के जख्मों पर मरहम करें या वहीं मठ में महंत बन जाएं। अखिलेश यादव ने सपा कार्यकर्ताओं से ऐसे वक्त में आपदा प्रभावित लोगों के साथ खड़े रहने और उन्हें मदद पहुंचाने का निर्देश दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसी घड़ी में सीएम को चुनाव प्रचार करने नहीं जाना चाहिए था। अखिलेश ने ट्वीट किया, “सीएम को कर्नाटक का चुनाव प्रचार छोड़कर तुरंत यूपी आना चाहिए था। जनता ने उन्हें अपने प्रदेश की समस्याओं के समाधान के लिए चुना है न कि कर्नाटक की राजनीति के लिए।” सपा अध्यक्ष ने यह भी लिखा, “इन हालातों में भी अगर वो वापस नहीं आते हैं तो फिर हमेशा के लिए अपना मठ वहीं बनवा लें।”

इसके बाद योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार (04 मई) को अपना दौरा बीच में ही छोड़कर यूपी लौटने का फैसला किया। सूचना एवं जमसंपर्क विभाग के प्रधान सचिव अविनाश अवस्थी ने सीएम के लौटने की पुष्टि की है। बतौर अवस्थी सीएम योगी आदित्यनाथ आज रात आगरा लौटेंगे और शनिवार की सुबह आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे। इसके बाद सीएम कानपुर जाएंगे। वहां भी सीएम राहत-बचाव कार्य का जायजा लेंगे। बता दें कि बुधवार की रात आंधी-तूफान और बारिश से यूपी और राजस्थान में 108 लोगों की मौत हुई है। यूपी में कुल 73 लोगों को इस हादसे ने लील लिया है। अधिकारियों के मुताबिक इस आपदा में करीब 90 लोग घायल हुए हैं जबकि राज्यभर में 134 मवेशी मारे गए हैं। आगरा में सबसे ज्यादा 43 लोगों की मौत हुई है और 80 मवेशी मारे गए हैं। यहां 51 लोग घायल भी हुए हैं।

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