सिरदर्द, सुस्ती और देखने-बोलने में समस्या है तो हो सकता ब्रेन ट्यूमर, जानें दिमाग की गिल्टी के सात लक्षण
दिमाग में किसी एक या अधिक कोशिकाओं के असामान्य रूप से बढ़ने की वजह से ब्रेन ट्यूमर होता है। यह दो तरह का होता है। एक जिसे ब्रेन कैंसर कहा जाता है और दूसरा सामान्य ट्यूमर। ब्रेन कैंसर स्वास्थ्य के लिए घातक होता है। हालांकि दोनों ही तरह के ट्यूमर में दिमाग की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होती हैं। यह कई बार घातक भी सिद्ध होता है। ब्रेन ट्यूमर किसी भी उम्र में हो सकता है और बढ़ती उम्र के साथ इसका खतरा भी बढ़ता जाता है। ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों को पहचानना बहुत मुश्किल है। ऐसे में कई बार मरीज को पता ही नहीं चलता कि उसे ब्रेन ट्यूमर है। आज हम आपको ब्रेन ट्यूमर के कुछ सामान्य लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आप समय रहते इसकी पहचान कर उपचार करा सकते हैं।
लगातार सिरदर्द – सिरदर्द के वैसे तो कई कारण हो सकते हैं, लेकिन लगातार सिरदर्द ब्रेन ट्यूमर का भी लक्षण होता है। अन्य कारणों से सिरदर्द और ब्रेन ट्यूमर की वजह से होने वाले सिरदर्द में अंतर कर पाना डॉक्टर्स के लिए भी काफी मुश्किल होता है। ऐसे में अगर आपको सर्दी, खांसी और छींक के साथ लगातार सिरदर्द हो रहा हो और उपचार करने के बावजूद ठीक नहीं हो रहा हो तो यह ब्रेन ट्यूमर का लक्षण हो सकता है।
बोलने में दिक्कत – अगर आपको लिखने, पढ़ने या फिर बोलने में परेशानी महसूस हो या शरीर के एक भाग में कमजोरी महसूस तो यह ब्रेन ट्यूमर का लक्षण हो सकता है।
सुस्ती होना – मस्तिष्क पर दबाव बढ़ने की वजह से यह समस्या होती है। अगर आपको दिनभर सुस्ती महसूस होती है और आपको दिन के उस वक्त भी नींद आती है जब आप कभी नहीं सोते थे तो आपको खुद की जांच जरूर करवानी चाहिए।
उल्टी का मन होना – सुबह-सुबह अगर उल्टी जैसा मन हो जाए, खास तौर पर जब आपक एक जगह से दूसरी जगह पर जाएं तो यह भी ब्रेन ट्यूमर का संकेत हो सकता है।
दौरे पड़ना – ब्रेन ट्यूमर में दौरे पड़ना आम है। ऐसे में व्यक्ति बेहोश हो जाता है।
शारीरिक व्यवहार में बदलाव – चलने में लड़खड़ाना, चेहरे पर कमजोरी, एक ही चीज का दो दिखना, बोलने और कुछ भी निगलने में दिक्कत या उठने के तुरंत बाद उल्टी आना आदि लक्षण ब्रेन ट्यूमर की ओर इशारा करते हैं। ये सभी लक्षण धीरे-धीरे सामने आते हैं।
याद्दाश्त कमजोर होना – ब्रेन ट्यूमर के ज्यादातर मरीजों में भूलने की समस्या देखी गई है। ऐसे में उनकी एकाग्रता और किसी भी चीज को याद रख पाने की क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे लोग किसी चीज को, लोगों को जगहों को और किसी आयोजन की तिथि को भूलने लगते हैं।