सिर्फ ईवीएम वाले स्थानों पर जीती भाजपा: आप
उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय के चुनाव नतीजों के बहाने इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर फिर से सवाल उठने लगे हैं। आम आदमी पार्टी (आप) ने आंकड़े जारी कर आरोप लगाया है कि भाजपा उन्हीं स्थानों पर जीती है जहां ईवीएम के जरिए मतदान हुआ। जहां मतपत्रों का इस्तेमाल हुआ है, वहां पार्टी बुरी तरह हारी है। भाजपा पर गुजरात विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने के लिए यूपी के नतीजों का झूठा प्रचार करने का आरोप लगाते हुए आप नेताओं ने चुनाव आयोग से एक बार फिर अपील की है कि वह देशभर में मतपत्रों से मतदान कराने के विकल्प पर विचार करे।
आप नेता संजय सिंह व आशुतोष ने शनिवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि चुनाव आयोग भाजपा के एजंट की तरह काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ईवीएम के जरिए किए जा रहे फर्जीवाड़े को लेकर एक बार फिर से आयोग के समक्ष जाएगी। उन्होंने आंकड़े जारी करते हुए कहा कि 16 स्थानों पर महापौर के चुनाव ईवीएम से हुए, जिनमें से 14 स्थानों पर भाजपा जीती, लेकिन 438 नगर पंचायत अध्यक्षों के चुनाव मतपत्रों से हुए तो इनमें भाजपा महज 100 सीटों पर जीती और 337 पर हार गई। इसी प्रकार नगरपालिका परिषद अध्यक्ष के 198 पदों के लिए हुए चुनाव में से भाजपा केवल 68 सीटें ही जीत पाई, बाकी 127 सीटों पर हार गई। नगर पंचायत के 5434 पदों के लिए हुए चुनाव में भी भाजपा 914 में ही जीत पाई, बाकी 4300 से ज्यादा सीटों पर वह हारी है। दोनों नेताओं ने कहा कि यह स्पष्ट है कि जहां ईवीएम से वोट पड़े वहां भाजपा जीती और जहां मतपत्रों से वोट डाले गए, वहां वह बुरी तरह हारी।
संजय सिंह ने कहा कि यूपी के नतीजों पर मीडिया से लेकर आम लोगों के बीच शोर मचाया जा रहा है, मानो भाजपा ने कोई बहुत बड़ी जीत दर्ज कर ली है, लेकिन सच्चाई कोई बताने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि सिर्फ गुजरात चुनाव में माहौल बनाने के लिए ऐसा किया जा रहा है,जबकि हकीकत यह है कि भाजपा केवल ईवीएम वाले स्थानों पर ही जीती है, बाकी जगहों पर उसकी करारी हार हुई है। एक सवाल के जवाब में दोनों नेताओं ने कहा कि अगर कुमार विश्वास पार्टी कार्यालय में आकर कार्यकर्ताओं से संवाद का कोई कार्यक्रम करते हैं तो इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं है।