सीएजी रिपोर्ट ने उठाया दिल्ली सरकार के राशन सिस्टम पर सवाल, बताया- स्कूटर/बाइक से बंटवाए गए राशन
देश की राजधानी दिल्ली में चारा घोटाले ने सबको चौंका दिया है। कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल यानी सीएजी की रिपोर्ट में इस घोटाले का खुलासा हुआ है। सीएजी की रिपोर्ट को दिल्ली विधानसभा में उपमुख्यंत्री मनीष सिसोदिया ने रखा। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में राशन ढुलाई के लिए स्कूटर और बाइक का इस्तेमाल किया गया। दरअसल जिन गाड़ियों का जिक्र सरकारी काग़ज़ों पर है उनकी जगह राशन ले जाने और लाने के लिए स्कूटर का इस्तेमाल किया गया। यानी माल ढुलाई के लिए जिन गाड़ियों को दिखाया गया है वो फर्जी हैं।
ऑडिट जनरल की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान राशन वितरण केंद्रों पर करीब 1000 क्विंटल से ज्यादा माल की ढुलाई के लिए 9 ऐसी गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया जिनका रजिस्ट्रेशन नंबर मोटरसाइकिल या फिर स्कूटर का था। वित्त वर्ष 2016-17 में माल ढुलाई के लिए करीब 207 गा़ड़ियों का इस्तेमाल किया गया। जिनमें से 42 गाड़ियां दिल्ली परिवहन विभाग में रजिस्टर्ड नहीं हैं। इसके अलावा 10 गाड़ियां अन्य विभागों के नाम पर थीं। 8 गाड़ियां ऐसी थीं जिनका रजिस्ट्रेशन नंबर ही गलत था।
सीएजी की इस रिपोर्ट ने बिहार के चर्चित चारा घोटाले की याद ताजा कर दी है। बिहार में भी इसी तरह माल ढुलाई के लिए फर्जी गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया था। बहरहाल दिल्ली में सीएजी की रिपोर्ट से हंगामा मचा हुआ है। केजरीवाल सरकार इस मामले में सीबीआई जांच करवाने पर भी विचार कर रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि इस घोटाले के दोषी किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा औऱ उसपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जानकारी के मुताबिक केजरीवाल सरकार इस घोटाले से जुड़े 50 अलग-अलग मामलों की जांच सीबीआई से करा सकती है।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल पर आरोप लगाया है कि उपराज्यपाल ने लोगों के घरों तक राशन पहुंचाने की सरकारी योजना को रोका इतना ही नहीं उप राज्यपाल पर केजरीवाल ने राशन माफियाओं को बचाने का आरोप भी लगाया। सीएजी की रिपोर्ट में घोटाले का खुलासा होने के बाद इस मामले में सियासत भी तेज हो गई है। विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने राज्य सरकार के कामकाज पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि सरकार का आर्थिक प्रबंधन सिस्टम पूरी तरह से फेल हो चुका है।