सीएम आदित्य नाथ गंवा चुके पांच में से चार चुनावी मैच, यूं हुआ स्ट्राइक रेट खराब
सियासत के पिच पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्ट्राइक रेट घटता ही जा रहा है। सीएम बनने के बाद से योगी यूपी में अब तक हुए पांच अहम चुनावों में से चार चुनावी मैच गंवा चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अब तक उत्तर प्रदेश में तीन लोकसभा और एक विधानसभा चुनाव हार चुकी है। एक नजर डालते हैं उन अहम सीटों पर जिनपर यूपी में भाजपा को जोर का झटका लगा है।
-कैराना संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव में राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एसपी और आरएलडी गठबंधन के जातीय समीकरण को भेदने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुए। इस चुनाव में एसपी-आरएलडी गठबंधन को कांग्रेस और बसपा का समर्थन भी हासिल था। कैराना में भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह को गठबंधन की प्रत्याशी तबस्सुम हसन से हार का सामना करना पड़ा
-नुरपूर विधानसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी अवनी सिंह को गठबंधन के सपा प्रत्याशी नाइमुल हसन ने पटखनी दी।
भाजपा को सबसे पहला झटका गोरखपुर और फूलपूर लोकसभा सीट पर लगा था। गोरखपुर लोकसभा सीट योगी आदित्यनाथ के यूपी का सीएम बनने और फूलपुल लोकसभा सीट केशव प्रसाद मौर्य के डिप्टी सीएम बनने के बाद खाली हो गया था। इन दोनों सीट पर बसपा और सपा ने गठबंधन कर के चुनाव लड़ा और भाजपा को पटखनी दे दी। गोरखपुर सीट पर समाजवादी पार्टी के नेता प्रवीण कुमार निषाद ने बीजेपी के उम्मीदवार उपेंद्र दत्त शुक्ला को 21,881 वोट से जबकि फूलपुर में एसपी नेता नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल ने भाजपा प्रत्याशी कौशलेंद्र सिंह पटेल को हराया। सीएम आदित्यनाथ के गढ़ में उस वक्त भाजपा की हार के बाद राज्य की सरकार की लोकप्रियता पर सवाल उठे थे।
– योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद सबसे पहले कानपुर देहात इलाके के सिकंदरा विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ। यह सीट पार्टी विधायक मथुरा पाल सिंह की निधन के बाद खाली हो गई थी। इस सीट पर मथुरा पाल सिंह के बेटे अजीत पाल सिंह पार्टी की तरफ से उम्मीदवार थे। पिछले साल दिसंबर में हुए चुनाव में अजीत पाल सिंह के पक्ष में 73,325 वोट पड़े। उन्होंने समाजवादी पार्टी की सीमा सचान को यहां से हराया था। यूपी की सिर्फ एक इसी सीट पर हुए उपचुनाव में पार्टी ने अब तक जीत हासिल की है।
यूपी में योगी के घटते स्ट्राइक रेट पर विपक्षी नेता तंज कसने लगे हैं। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अब्दुल हफीज गांधी ने कहा है कि भाजपा को योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व क्षमता पर मंथन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा अपने वादे पूरे करने में पूरी तरह विफल रही है। साथ ही सपा प्रवक्ता ने कहा उपचुनाव के नतीजे बताते हैं कि क्षेत्रीय पार्टियों के वजूद को नकारा नहीं जा सकता।