सीएम के सामने ‘अपमान’ की पीड़ा सुनाकर रोने लगी महिला शिक्षिका, बोलीं- क्या मैं गई गुजरी चीज हूं
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के आदेश पर सस्पेंड की गई महिला शिक्षा उत्तरा पंत बहुगुणा मीडिया के सामने अपना दर्द सुनाते हुए रो पड़ीं। गुरुवार (28 जून) को जनता दरबार में हुई घटना के बारे में समाचार एजेंसी एएनआई पर बात करते हुए उत्तरा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उसे सबके सामने ‘इसे’ कहते हुए संबोधित किया, जो अपमानजनक था। महिला ने कहा कि क्या वह कोई गई गुजरी चीज है जो उसे ‘इसे’ कहकर संबोधित किया गया। शिक्षिका ने कहा, ‘सीएम ने सबके सामने कहा कि इसे बाहर ले जाओ, इसे बाहर ले जाओ… इसे क्या होता है? किसको कहते हैं इसे? मैं क्या कोई गई गुजरी चीज हूं? मेरा कोई पूछने वाला नहीं है… मेरे पति नहीं हैं तो मुझे कोई पूछने वाला नहीं है…’ इतना कहने के बाद उत्तरा कैमरे के सामने ही रोने लगीं।
उन्होंने आगे कहा, ‘जब एक मुख्यमंत्री एक महिला शिक्षिका को इसे कह सकते हैं तो एक शिक्षिका क्यों नहीं जवाब दे सकती है। मैं ईमानदारी से नौकरी कर रही थी, अनुशासन में रहकर नौकरी कर रही थी… ये भ्रष्टाचार वालों ने दलदल में धकेल दिया, तो मैं क्यों नहीं आवाज उठाऊंगी। चोरों को चोर ही बोलूंगी, बेईमान को बेईमान ही कहूंगी… जो जैसा है उसे वो ही कहूंगी। ब्रम्हा, विष्णु, महेश भी मेरे सामने आएंगे तो मैं उनसे भी यही कहूंगी। मैं पूछूंगी कि उनके राज में क्या हो रहा है। जो जितना ईमानदार है उस पर उतनी ही गाज गिर रही है।’
दरअसल, गुरुवार को सीएम रावत ने लोगों की शिकायतें सुनने के लिए जनता दरबार का आयोजन किया था। यहां महिला शिक्षिका उत्तरा अपने ट्रांसफर की शिकायत लेकर पहुंची थीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तरा उत्तरकाशी में प्राइमरी स्कूल में पिछले 20 सालों से पढ़ा रही हैं और वह देहरादूर ट्रांसफर लेना चाहती हैं। इसके लिए उत्तरा कई सालों से कोशिश कर रही है, लेकिन कई बार अधिकारियों के चक्कर काटने के बाद भी उनका ट्रांसफर नहीं किया जा रहा था, जिसके बाद उन्होंने गुरुवार को आयोजित हुए जनता दरबार में अपनी अपील लेकर शिरकत की, जहां सीएम ने उनकी शिकायत सुनने के बाद कहा कि ट्रांसफर एक्ट के तहत ही उनका ट्रांसफर किया जाएगा।
सीएम का जवाब सुनने के बाद उत्तरा ने दरबार में ही क्रोधित होकर ऊंची आवाज में चिल्लाना शुरू कर दिया। उन्होंने सीएम रावत और वहां मौजूद अधिकारियों के सामने अपना गुस्सा निकाला। उन्होंने रावत को गुस्से में जमकर खरी-खोटी सुना दी, जिसके बाद सीएम ने पुलिस अधिकारियों को आदेश देकर महिला को बाहर निकालने को कहा। इसके साथ ही शिक्षा विभाग को भी महिला को सस्पेंड करने का आदेश दे दिया गया। महिला के मुताबिक वह विधवा हैं और उनके बच्चे देहरादून में पढ़ रहे हैं, इसलिए वह देहरादून ट्रांसफर लेना चाहती थीं।