सीएम को शिकायत के साथ भेजा 10 लाख का चेक, कहा- झूठी निकली बात तो रख लें रकम, एफआईआर भी करें

गुड़गांव में रहने वाले एक व्यक्ति ने सीएम विंडो पर शिकायत के साथ 10 लाख रुपए का चेक भेजकर सरकार को चुनौती दी है। शिकायतकर्ता ने लिखा है कि यदि उसकी शिकायत झूठी पायी जाए तो चेक की राशि 10 लाख रुपए मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कर ली जाए और उसके (शिकायतकर्ता) खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई भी की जाए। सीएम विंडो के इतिहास में अपनी तरह का यह पहला मामला है। शिकायतकर्ता गुड़गांव के सेक्टर-5 में रहने वाले कृष्णा लांबा हैं और उन्होंने भूमाफियाओं के खिलाफ सीएम विंडो पर लिखित शिकायत दी है।

क्या है मामलाः दरअसल, कृष्णा लांबा ने इससे पहले 21 अक्टूबर, 2016 को भी सीएम विंडो पर पालम विहार स्थित नगर निगम नंदीग्राम गोशाला के साथ लगती जमीन कॉलोनाइजर्स द्वारा कब्जाने की शिकायत की थी। लांबा की शिकायत पर डेढ़ साल बाद 18 फरवरी, 2018 को गुड़गांव के अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में दूसरी पार्टी कोर्ट जा चुकी है और अब कोर्ट जो भी निर्णय देगा, उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। कृष्णा लांबा का आरोप है कि इस मामले में अधिकारियों ने दूसरी जगह की जमीन के फर्जी दस्तावेज लगाकर गलत रिपोर्ट तैयार की है। यही वजह है कि एक बार फिर से लांबा ने इस मामले की शिकायत सीएम विंडो पर की है, लेकिन इस बार लांबा ने अपनी शिकायत के साथ 10 लाख का चेक भी लगाकर सरकार को एक तरह से चुनौती दी है। कृष्णा लांबा का दावा है कि अगर वो गलत हुए तो उनके खिलाफ कार्रवाई हो अन्यथा भूमाफियाओं और जिन अधिकारियों ने गलत रिपोर्ट तैयार की है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

क्या होता है सीएम विंडोः हरियाणा को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने और सिस्टम को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य राज्य सरकार ने सीएम विंडो (मुख्यमंत्री समस्या निवारण पटल) की शुरुआत की थी। सीएम विंडो पर लोग जाकर अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज करा सकते हैं और साथ ही घर बैठे ही ऑनलाइन उसकी स्थिति भी जान सकते हैं। शिकायत दर्ज करने पर शिकायतकर्ता को एक रजिस्ट्रेशन नंबर मिलता है, जिससे वह अपनी शिकायत की स्थिति जान सकता है। सीएम विंडो पर शिकायत भेजे जाने के 2 घंटे बाद ही संबंधित अधिकारी को भेज दी जाती है और अधिकारी उसका निवारण करते हैं।

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