सीपीएम बैठक में हेलिकॉप्टर से गए केरल के सीएम, आपदा राहत कोष से भरा जा रहा था आठ लाख का किराया

केरल के सीएम पिनराई विजयन की यात्रा के लिए जिस हेलिकॉप्टर को लिया गया था उसके किराए का भुगतान राज्य के आपदा राहत फंड से किए जाने की बात सामने आई है। इस मामले के सामने आने के बाद सीएम विजयन की बहुत आलोचना की जा रही है। वहीं विवाद खड़ा होता देख सीएमओ ने एक आदेश जारी कर हेलिकॉप्टर के भुगतान के आदेश को रद्द किए जाने की बात कही। 26 दिसंबर को सीएम विजयन के लिए एक प्राइवेट हेलिकॉप्टर किराए पर लिया गया था। विजयन की त्रिसूर से वापसी के लिए हेलिकॉप्टर का इंतजाम किया गया था जहां पर वे सीपीएम की जिला कांफ्रेस के लिए गए थे।

सरकार ने 6 जनवरी को आदेश जारी कर तिरुवनंतपुरम जिलाधिकारी से सीएम की यात्रा के लिए किराए पर लिए गए हेलिकॉप्टर के 8 लाख रुपए रीलीज करने को कहा था। हालांकि इस ऑर्डर में कहा गया था कि यह यात्रा अंतर-मंत्रीय केंद्रीय दल की बैठक के लिए की गई थी, जो कि ओक्खी चक्रवात की स्थिति का आकलन करने के लिए रखी गई थी। इसके बाद उन्होंने उसी हेलिकॉप्टर से त्रिसूर का सफर किया था। सरकारी आदेश के अनुसार राज्य पुलिस चीफ लोकनाथ बेहेरा ने चिपसन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड से हेलिकॉप्टर किराए पर लिया था। भुगतान की सिफारिश राजस्व विभाग से पहले रखी गई थी जो कि आपदा प्रबंधन की व्यवस्था को संभालता है।

आदेश के मुताबिक पहले हेलिकॉप्टर कंपनी ने 13 लाख रुपए की बात की थी लेकिन आपसी बातचीत के बाद किराए को 8 लाख रुपए कर दिया गया था। वहीं इस मामले पर सीएम विजयन की आलोचना करते हुए विपक्षी दल के नेता रमेश चेन्नितला ने कहा पिनराई विजयन का यह कदम भिखारियों के कटोरे से चुराने के बराबर है। रमेश ने कहा कि यह बहुत ही दुख की बात है कि आपदा राहत कोष को सीएम की बैठक के लिए हेलिकॉप्टर बिल के लिए दिया गया। इस मामले को बढ़ता देख सीएमओ ने एक बयान जारी कर कहा कि सीएम के निर्देश के बाद बिल के भुगतान के आदेश को रद्द कर दिया गया है। सीएमओ का कहना है कि हेलिकॉप्टर के बिल के भुगतान का आदेश बिना सीएम की जानकारी के दिया गया था।

 

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