सीपीएम में तेज हुई करात बनाम येचुरी की जंग, वोटिंग से फैसला!
2019 के लोकसभा चुनाव में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीएम) कांग्रेस से गठबंधन करेगी या नहीं, इस सवाल पर पार्टी दो धड़ों में बंटती नजर आ रही है। इस सवाल को लेकर सीपीएम में प्रकाश करात बनाम सीताराम येचुरी की जंग तेज हो गई है। इस जंग के बहाने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया में पड़ रही फूट भी अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। लंबे समय तक चली माथापच्ची के बाद भी सीपीएम के राजनीतिक प्रस्ताव के मसौदे को लेकर पार्टी अब तक किसी भी फैसले पर नहीं पहुंच पाई है। अब इस बात की उम्मीद बढ़ गई है कि पार्टी में कांग्रेस के साथ जाने या फिर नहीं जाने का फैसला वोटिंग के जरिए ही होगा।
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी की केंद्रीय कमेटी पूर्व सचिव प्रकाश करात के साथ है, जबकि पार्टी कांग्रेस सीताराम येचुरी के साथ। येचुरी को भले ही मसौदा पेश करने का मौका नहीं मिला, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपना मत पार्टी के सामने रख दिया है। हालांकि, उनका यह मत जनवरी महीने में ही खारिज हो चुका था। जानकारी के मुताबिक, पार्टी कांग्रेस की बैठक में शामिल 786 सदस्यों में से 390 से ज्यादा सदस्यों ने सीताराम येचुरी का समर्थन किया है। ये सभी सदस्य कांग्रेस से गठबंधन के पक्ष में हैं।
पार्टी के भीतरखाने से खबर है कि पश्चिम बंगाल के कुछ सदस्य इस मुद्दे पर वोटिंग के जरिए फैसला कराना चाहते हैं। यह भी उम्मीद की जा रही है कि अगर वोटिंग से फैसला हुआ तो निर्णय सीताराम येचुरी के पक्ष में आ सकता है। इधर, महाराष्ट्र सीपीआई के सदस्यों ने भी इस मामले पर वोटिंग कराने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर पार्टी में किसी भी तरह का विवाद हुआ तो उसका फायदा सीधे बीजेपी को होगा।
अब इस इस मामले पर आखिरी फैसला पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी को लेना है। इस कमेटी में पोलित ब्यूरो के 16 सदस्य हैं। इधर, प्रकाश करात धड़े का कहना है कि अगर 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी-आरएसएस को हराना है तो किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन किये बिना ही उन्हें मैदान में उतरना होगा। इस धड़े का मानना है कि पार्टी ने कभी भी किसी भी दल को सीधे अपना समर्थन नहीं दिया है।