सीरिया: दमिश्क पर बागियों का कब्जा, जानिए कौन हैं लंबे समय से चल रहे गृह युद्ध के 8 ‘इंटरनेशनल खिलाड़ी’
सीरिया में पिछले कई सालों से गृहयुद्ध चल रहा है. 2011 में अरब स्प्रिंग के दौरान सीरिया में भी लोकतांत्रिक परिवर्तन की मांग उठी थी जिसे सरकार ने दबा दिया था. जिसके बाद आंदोलन लगातार भड़कता ही चला गया. ताजा हालात यह हैं कि विद्रोहियों ने देश के कई हिस्सों पर कब्जा कर लिया है.
सीरिया (Syria) में सरकार और विद्रोहियों के बीच लंबे संघर्ष के बाद विद्रोहियों ने देश पर कब्जा कर लिया है. राष्ट्रपति बशर अल असद का मजबूत किला दमिश्क भी ढह गया है. खबरों के अनुसार विद्रोही गुट दामिश्क पहुंच गए हैं. राष्ट्रपति बशर अल असद दमिश्क छोड़ कर भाग गए हैं. सीरिया में पिछले लगभग एक दशक से गृहयुद्ध जारी है. कई विद्रोही गुट अपने अलग-अलग मांगों के साथ युद्ध में हिस्सा ले रहे हैं. इन तमाम गुटों को किसी न किसी बाहरी गुट का साथ मिलता रहा है. आइए जानते हैं वो कौन-कौन से खिलाड़ी हैं जो सीरिया में जारी गृहयुद्ध में अहम भूमिका निभा रहे हैं.
सीरिया के गृहयुद्ध में अमेरिका का क्या है रोल
सीरिया के गृहयुद्ध में अमेरिका की भूमिका काफी विवादास्पद रही है. समय के साथ अमेरिका की नीतियां सीरिया को लेकर बदलती रही हैं. अमेरिका ने शुरुआत में बशर अल-असद शासन का विरोध किया और विपक्षी समूहों को राजनीतिक और मानवीय सहायता प्रदान की थी. हालांकि, अमेरिका को अल-कायदा से जुड़े विद्रोही समूहों के बढ़ते प्रभाव की भी चिंता रही है. अमेरिका ने सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस (SDF) का समर्थन किया, जिसमें कुर्द बलों का प्रमुख योगदान था. अमेरिका ने अल-असद शासन के खिलाफ सीमित सैन्य कार्रवाई भी की थी. हालांकि ट्रम्प पर अस असद के शासन को बचाने के प्रयास का भी आरोप लगता रहा है.
असद को मिलता रहा है ईरान और हिजबुल्लाह का साथ
सीरिया के गृहयुद्ध में ईरान और हिजबुल्लाह की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है. दोनों ने बशर अल-असद शासन को सैन्य, वित्तीय और राजनीतिक समर्थन समय-समय पर दिया है. ईरान के क्यूड्स फोर्स के कमांडर क़ासिम सुलेमानी को सीरिया में ईरानी हस्तक्षेप का मुख्य वास्तुकार माना जाता था.ईरान ने सीरियाई सेना को हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति की कई बार की. हिजबुल्लाह ने सीरिया में बड़ी संख्या में लड़ाके भेजे थे. ईरान और हिजबुल्लाह दोनों शिया मुस्लिम बहुल देश हैं और सीरिया में अल्पसंख्यक शिया समुदाय का समर्थन करते हैं. ईरान और हिजबुल्लाह दोनों इजरायल के विरोधी हैं और सीरिया में इजरायल के प्रभाव को कम करना चाहते हैं.