सीलिंग तोड़ने के मामले में आज मनोज तिवारी पर सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

नई दिल्ली: दिल्ली के गोकलपुरी थाने में एक घर से एमसीडी की सील तोड़ने के मामले में सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा. जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ में शुक्रवार को फिर दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी पेश होंगे. दरअसल, इससे पहले मनोज तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा है कि उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला नहीं बनता था क्योंकि उन्होंने कोर्ट की अवमानना नहीं की है और इस मामले से मॉनिटरिंग कमिटी के निर्देश का कोई लेना देना नहीं था, इसलिए वो माफी नहीं मांगेंगे. तिवारी ने ये भी कहा था कि सुप्रीम कोर्ट अपनी मॉनिटरिंग कमेटी को भंग करे और वो खुद सीलिंग अफ़सर बनने को तैयार हैं.

मनोज तिवारी ने कहा था कि इसमें पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने गैर कानूनी काम किया है और पता नहीं क्या कारण है कि मॉनिटरिंग कमिटी ने ओखला, जामिया, शाहीन बाग, नूर नगर और जौहरी फार्म्स जैसे इलाकों में कोई सीलिंग नहीं कर रही है जबकि वहां पर पांच से सात मंजिला इमारतें बनी हुई हैं. तिवारी ने ये भी कहा था कि दिल्ली के लोगों को राहत देने और कानून का राज स्थापित करने के लिए मैं सीलिंग ऑफिसर बनने को तैयार हूं.

दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ गोकलपुरी थाने में एक घर से एमसीडी की सील तोड़ने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी.मनोज तिवारी के खिलाफ एमसीडी के अधिकारियों के द्वारा शिकायत करने के बाद आईपीसी की धारा 188, 461 और 465 डीएमसी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था.

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