सीलिंग पर भाजपा और आप में बढ़ा टकराव

सीलिंग के मुद्दे पर मंगलवार को दिल्ली में दिन भर सियासी कोहराम मचा रहा। इसे लेकर भाजपा व आम आदमी पार्टी के नेताओं के बीच सिर फुटौव्वल तक की नौबत आ गई। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर ही भाजपा व आप नेताओं के बीच ‘भिड़त’ हो गई। हालांकि यह सब कुछ होने के बाद भी सीलिंग से त्रस्त व्यापारियों को राहत देने के मामले में कोई पहल नहीं हो पाई। वहीं मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि अगर इस हफ्ते तक उपराज्यपाल कोई कार्रवाई नहीं करते हैं तो दिल्ली सरकार सीलिंग पर अस्थायी रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएगी।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी की अगुआई में भाजपा के पांच सांसद, विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता और दो महापौर सुबह-सुबह सीलिंग पर बातचीत करने केजरीवाल के आवास पर पहुंचे थे। तभी आप के विधायक व कार्यकर्ता भी मुख्यमंत्री निवास पर पहुंच गए। मुख्यमंत्री चाहते थे कि बातचीत मीडिया के कैमरों की मौजूदगी में हो, जबकि भाजपा नेताओं का कहना था कि बातचीत आमने-सामने और राजनीतिक लोगों के बीच होनी चाहिए। सीलिंग विवाद निपटाने के लिए जब दोनों पक्ष आमने-सामने बैठे तो उनमें बहस शुरू हो गई। हंगामे और शोरशराबे के बीच भाजपा नेता मुख्यमंत्री आवास से बाहर निकल आए और मारपीट व बदसलूकी का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री आवास के बाहर ही धरने पर बैठ गए। तिवारी के नेतृत्व में पार्टी नेताओं ने आप नेताओं के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज कराई।

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने पलटवार करते हुए कहा कि इस मसले का समाधान केंद्र के प्रतिनिधि उपराज्यपाल ही कर सकते हैं। उनके पास चार फाइलें हैं, जिन पर वे दस्तखत नहीं कर रहे हैं। केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार इस पर अध्यादेश भी ला सकती है। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि अधिसूचित नहीं किए जाने के बावजूद 351 सड़कों पर सीलिंग नहीं हो रही है। इस मामले में दिल्ली सरकार ने नगर निगम से सर्वे रिपोर्ट मांगी है। नगर निगम ने शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन से दो दिन का समय मांगा था। यह रिपोर्ट मिलने के बाद दिल्ली सरकार इस रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश करेगी।

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