सुनंदा केस: कोर्ट ने कहा बिना इजाजत विदेश न जाएं शशि थरूर, बीजेपी नेता बोले- गर्लफ्रेंड्स से नहीं मिल पाएंगे

सुनंदा पुष्कर मर्डर केस में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने कांग्रेस नेता शशि थरुर अग्रिम याचिका मंजूर कर ली है। अदालत ने थरुर से जमानत के तौर पर 1 लाख रुपए का बॉण्ड भी जमा भरवाया है। हालांकि कोर्ट ने शशि थरुर के बिना इजाजत विदेश जाने पर रोक लगा दी है। साथ ही थरुर गवाहों और सबूतों से छेड़छाड़ भी नहीं कर सकेंगे। बता दें कि इससे पहले सुनंदा पुष्कर मर्डर केस की जांच कर रही एसआईटी ने थरुर की जमानत याचिका का विरोध किया था। एसआईटी का आरोप था कि थरुर एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और जमानत मिलने पर वह सबूतों और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं साथ ही वह बाद देश छोड़कर भी जा सकते हैं।

वहीं शशि थरुर को अग्रिम जमानत मिलने पर भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने तंज कसा है। जब पत्रकारों ने स्वामी से शशि थरुर के बिना इजाजत विदेश ना जा पाने के मुद्दे पर सवाल किया तो भाजपा नेता ने कहा कि हां, वह देश से बाहर नहीं जा सकेंगे और दुनिया के विभिन्न भागों में मौजूद अपनी गर्लफ्रेंड्स से भी नहीं मिल पाएंगे। स्वामी ने आगे कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि कांग्रेस पार्टी अब इस बात की खुशी नहीं मनाएगी कि हमें जमानत मिल गई। सार्वजनिक जीवन के किसी व्यक्ति का इस तरह के मामले में जमानत मिलना बेहद शर्मनाक है। बता दें कि सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में शशि थरुर ने मंगलवार को अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी।

उल्लेखनीय है कि शशि थरुर की पत्नी सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी, 2014 की रात दिल्ली के एक लग्जरी होटल में मृत पायी गईँ थी। शुरुआत में सुनंदा पुष्कर की मौत को आत्महत्या बताया गया था, लेकिन मौत के एक साल बाद विसरा रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया था। एम्स के मेडिकल बोर्ड ने दिल्ली पुलिस को जो रिपोर्ट सौंपी थी, उसमें सुनंदा पुष्कर की मौत का कारण जहर बताया गया था। मेडिकल बोर्ड ने बताया था कि सुनंदा पुष्कर के शरीर में कई ऐसे रसायन मिले हैं, जो पेट में जाने या खून में मिलने के बाद जहर बन जाते हैं, लिहाजा बाद में उनके वास्तविक रुप के बारे में पता लगाना बेहद मुश्किल है। इस मामले की जांच के दौरान कांग्रेस नेता शशि थरुर को इंडियन पीनल कोड की धारा 498 ए (पति या उसके रिस्तेदारों द्वारा महिला के साथ क्रूरता करने) और धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) के तहत आरोपी बनाया गया था।

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