सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम के खिलाफ मुकदमे की प्रगति रिपोर्ट मांगी
सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम की कथित संलिप्तता वाले बलात्कार मामले में चल रही सुनवाई की स्थिति रिपोर्ट सोमवार को राज्य सरकार से तलब की। शीर्ष अदालत आसाराम की एक नई जमानत अर्जी पर सुनवाई कर रही थी। अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि इस बारे में 22 जनवरी तक स्थिति रिपोर्ट पेश की जाए। अदालत पहले आसाराम की कई जमानत याचिका खारिज कर चुकी है। न्यायमूर्ति एनवी रमण और न्यायमूर्ति एएम सप्रे के पीठ ने कहा, हमें उसके खिलाफ लंबित मुकदमों की स्थिति से अवगत कराया जाए। राज्य सरकार को 22 जनवरी तक अपनी स्थिति रिपोर्ट पेश करनी चाहिए। आसाराम के वकील सिद्धार्थ लूथरा और सौरभ अजय गुप्ता ने कहा कि उसके खिलाफ गुजरात और राजस्थान में एक-एक मामला लंबित है।उन्होंने कहा कि गुजरात मामले में 92 में से 22 महत्त्वपूर्ण गवाहों का परीक्षण हो चुका है।
इनमें से 14 के नाम हटा दिए गए हैं और शेष से पूछताछ की आवश्यकता है। गुजरात सरकार के वकील ने कहा कि उन्हें स्थिति रिपोर्ट पेश करने के लिए कुछ समय चाहिए। गुजरात के मामले में सूरत की रहने वाली दो बहनों ने आसाराम और उसके बेटे नारायण साईं पर बलात्कार करने और गैरकानूनी तरीके से बंधक बनाने के आरोप लगाए थे। दूसरी ओर राजस्थान के मामले में एक किशोरी ने आसाराम पर जोधपुर के निकट मनाई गांव में स्थित आश्रम में उसका यौन शोषण करने का आरोप लगाया था। इस मामले में आसाराम को 31 अगस्त, 2013 को गिरफ्तार किया गया था और तभी से वह जेल में बंद है। पीठ ने इस मामले को 22 जनवरी को आगे सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया।