सुरेश भैय्याजी जोशी फिर से चुने गए आरएसएस के सरकार्यवाह, चौथी बार संभालेंगे पद

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सुरेश भैय्याजी जोशी को फिर से अगले तीन सालों के लिए सरकार्यवाह (मुख्य सचिव) चुन लिया है। नागपुर में चल रही आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में शनिवार को यह फैसला लिया गया। बता दें कि भैय्याजी जोशी पिछले 9 सालों से आरएसएस के सरकार्यवाह का पद संभाल रहे हैं। साल 2009 में उन्हें पहली बार सरकार्यवाह चुना गया था, जिसके बाद पिछले 2 बार से उनके कार्यकाल को बढ़ाया गया। इस तरह से भैय्याजी जोशी का सरकार्यवाह के रुप में यह लगातार चौथा कार्यकाल होगा और अब साल 2021 तक वही आरएसएस के सरकार्यवाह बने रहेंगे।

बता दें कि सरकार्यवाह आरएसएस में दूसरा सबसे बड़ा पद होता है। आरएसएस प्रमुख या कहें कि सरसंघचालक के बाद सरकार्यवाह होता है। सरकार्यवाह संघ का मुख्य कार्यकारी अधिकारी होता है, जो संघ के संगठन से संबंधित सभी काम देखता है। इसके साथ ही संघ और उसके सहयोगियों के साथ संबंध भी सरकार्यवाह की ही जिम्मेदारी होते हैं। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी सरसंघचालक चुने जाने से पहले सरकार्यवाह का पद संभाल चुके हैं। उस वक्त केएस सुदर्शन सरसंघचालक थे। गौरतलब है कि सरकार्यवाह के चुनाव के लिए देशभर की 60 हजार आरएसएस शाखाओं के प्रमुख नागपुर में हो रही अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में हिस्सा ले रहे हैं। प्रतिनिधि सभा की बैठक 9 मार्च को शुरु हुई थी और यह 11 मार्च तक चलेगी। किसी भी मामले में निर्णय लेने के लिए अखिल भारतीय प्रतिनिधी सभा, संघ की सबसे बड़ी संस्था है। इस संस्था की मीटिंग हर साल मार्च के दूसरे और तीसरे सप्ताह में तीन दिन के लिए होती है।

उल्लेखनीय है कि पहले इस बार सरकार्यवाह के पद के लिए कर्नाटक से आरएसएस प्रचारक दत्तात्रेय होसबोले का नाम चर्चाओं में था। माना जा रहा था कि भैय्याजी जोशी स्वास्थ्य कारणों से इस बार सरकार्यवाह का पद छोड़ सकते हैं और उनके स्थान पर होसबोले अगले सरकार्यवाह बन सकते हैं। लेकिन एक बार फिर से भैय्याजी जोशी को ही अगला सरकार्यवाह चुना गया है। आरएसएस के संयुक्त जनरल सेक्रेटरी (सह-सरकार्यवाह) होसबोले आरएसएस युवा अवस्था से ही आरएसएस के साथ जुड़े हैं और आरएसएस की छात्र विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के संगठन सचिव के रुप में काम कर चुके हैं।

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