सुषमा स्वराज, राजनाथ सिंह के भविष्य पर बोले यशवंत सिन्हा- बीजेपी मार्गदर्शक मंडल में है काफी जगह
पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी छोड़ चुके राज्य सभा सांसद यशवंत सिन्हा ने कहा है कि आगामी लोकसभा चुनावों में बीजेपी 2014 का इतिहास नहीं दोहरा पाएगी। उन्होंने आशंका जताई कि अगर 2019 के आम चुनावों में बीजेपी को बहुमत मिलता है तो विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह जैसे बीजेपी के कई बड़े और तेजतर्रार नेता मार्गदर्शक मंडल में भेज जा सकते हैं। सिन्हा ने रेडिफ.कॉम से बातचीत में कहा कि बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल में बहुत वैकेंसी है क्योंकि वहां इसकी कोई संख्या निर्धारित नहीं है। सुषमा स्वराज और राजनाथ सिंह जैसे नेताओं की उम्मीद है कि बीजेपी एक बहुमत जीतने के मामले में क्या उम्मीद कर सकती है? क्या वे आगे हाशिए वाले होने का खतरा चलाते हैं? वैसे एक प्रसिद्ध मार्गदारक्ष मंडल है। इसमें कई रिक्तियां हैं क्योंकि इसकी कोई सीमा नहीं है। बता दें कि कल (सोमवार, 09 जुलाई) ही यह खबर आई थी कि सुषमा, उमा भारती और सुमित्रा महाजन समेत करीब 150 मौजूदा सांसदों को बीजेपी 2019 में चुनाव का टिकट नहीं देगी। हालांकि, सबके पीछे अलग-अलग कारण बताए गए थे।
सिन्हा ने यह भी कहा कि इस बार के चुनाव में बीजेपी अकेले बहुमत हासिल नहीं कर पाएगी। उन्होंने कहा कि 2014 के मुकाबले एनडीए के बड़े सहयोगी दल भी साथ छोड़ चुके होंगे। उन्होंने कहा कि टीडीपी एनडीए पहले ही छोड़ कर चुकी है। शिव सेना छोड़ने वाली है और नीतीश कुमार की जेडीयू भी एनडीए छोड़ने की पृष्ठभूमि तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी 200 से 220 सीटें नहीं जीतती है तो ऐसी सूरत में सहयोगी दल नेतृत्व परिवर्तन की मांग भी कर सकते हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि मोदी और शाह की जोड़ी हर हाल में मोदी को ही नेता बनाए रखने में कामयाब होगी।
सिन्हा ने कहा कि आज की तारीख में एनडीए का जो स्वरूप दिख रहा है वो चुनाव आते-आते बदल जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे लोग जानबूझकर किसी गंभीर मुद्दे पर डिबेट नहीं करने चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को बीजेपी के कम्यूनिकेशन स्किल से पार पाने की क्षमता विकसित करनी होगी। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घोर आलोचक रहे यशवंत सिन्हा ने पिछले दिनों बीजेपी छोड़ दी थी और गैर भाजपा दलों का साथ देने के लिए राष्ट्रीय मंच का गठन किया है। वो चुनावी राजनीति से भी संन्यास ले चुके हैं। हाल ही में उन्होंने अपने केंद्रीय मंत्री बेटे जयंत सिन्हा को मॉब लिचिंग के दोषियों को माला पहनाने पर नालायक बेटा कहा था।