सृजन घोटाले की जांच कर रही सीबीआई सवालों के घेरे में, लापरवाही के चलते 8 आरोपियों की जमानत मंजूर

सृजन घोटाले की जांच कर रही सीबीआई टीम अब खुद सवालों के घेरे में आ गई है। जांच में ढिलाई और वक्त पर आरोप पत्र दाखिल न कर पाने की वजह से जेल में बंद 8 आरोपियों की जमानत सीबीआई अदालत मंजूर कर रिहा करने का आदेश दे चुकी है। मंगलवार को पटना सीबीआई अदालत के न्यायिक मजिस्ट्रेट गायत्री कुमारी ने अशोक कुमार, सुधांशु कुमार दास, सुनीता चौधरी और विजय कुमार गुप्ता की जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद मंजूर कर ली। और जमानत पर जेल से रिहा करने का आदेश दिया। ये सभी दि सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के प्रबंधक व कर्मचारी हैं।

इससे पहले 13 नवंबर को सीबीआई जज अजय कुमार ने भी चार लोगों की जमानत अर्जी को मंजूर कर जेल से रिहा करने का आदेश दिया था। इनमें भागलपुर के जिलाधीश के स्टेनो प्रेम कुमार, सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के ऑडिटर सतीश कुमार झा और नाजिर राकेश कुमार हैं। इन सभी को घोटाला उजागर होने के बाद पुलिस की एसआईटी और आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने गिरफ्तार कर गहन पूछताछ कर सबूत होने के दावा के साथ जेल भेजा था। सीबीआई इन लोगों के खिलाफ 90 दिनों के अंदर आरोप पत्र दाखिल नहीं कर पाई। कानून के जानकारों के मुताबिक, इन्हें धारा 167 का फायदा अदालत से मिला। एक दूसरे प्रेरणा प्रिंटिंग प्रेस के मालिक बंशीधर झा की भी जमानत अर्जी मंजूर की गई।

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