सेना पर मोहन भागवत का बयान: राहुल गांधी ने बताया शहीदों का अपमान, मनमोहन वैद्य ने मीडिया की गड़बड़ी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (संघ) प्रमुख मोहन भागवत के बयान को शर्मनाक करार दिया है और कहा है कि यह शहीदों और सैनिकों का अपमान है। राहुल ने कहा तिरंगे का भी अपमान है क्योंकि उसे हर सैनिक सलाम करता है। राहुल ने ट्वीट किया, “आरएसएस प्रमुख का बयान हरेक भारतीय का अपमान है क्योंकि उन्होंने उनलोगों का अपमान किया है जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी। यह तिरंगे का भी अपमान है क्योंकि इसे सभी सैनिक सलामी देते रहे हैं। देश की शहीदों और सैनिकों का अपमान करने वाले मिस्टर भागवत आप पर शर्म आती है।” (The RSS Chief’s speech is an insult to every Indian, because it disrespects those who have died for our nation. It is an insult to our flag because it insults every soldier who ever saluted it. Shame on you Mr Bhagwat, for isrespecting our martyrs and our Army.)
इधर, संघ के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर सफाई दी है और कहा है कि मीडिया ने उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया है। उन्होंने कहा कि संघ प्रमुख ने भारतीय सेना का अपमान नहीं किया है जबकि उनके बयान का गलत अर्थ निकाला जा रहा है। वैद्य ने कहा कि संघ प्रमुख ने इतना ही कहा कि अगर देश में ऐसी परिस्थितियां आती हैं कि सेना के साथ खड़े होने के लिए नागरिकों को हम तीन महीने में तैयार कर सकते हैं लेकिन सेना को ये काम करने में छह महीने लग सकते हैं। इसके साथ ही प्रचार प्रमुख ने मोहन भागवत के भाषण का अंश भी जारी किया है।
बता दें कि रविवार (11 फरवरी) को संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बिहार के मुज्फ्फरपुर में कहा था कि अगर संविधान और कानून इजाजत देगा तो हम तीन दिन के अंदर स्वयंसेवकों को तैयार कर सीमा पर युद्ध के लिए तैनात कर सकते हैं, जबकि सेना को तैयार होने में छह महीने का वक्त लगता है। उन्होंने कहा था कि आएएसएस में अनुशासन है जिसकी वजह से ही ऐसा संभव हो सकता है। आरएसएस के पांच दिवसीय कार्यक्रम में मोगन भागवत ने कहा था कि संघ के लोग सेना की तरह ही अनुशासित होते हैं। उन्होंने कहा कि अगर संविधान और कानून इजाजत दे तो युद्ध की स्थिति में हमारे स्वयंसेवक सेना से भी पहले तैयार होकर मौके पर पहुंचने में सक्षम होंगे। भागवत ने कहा कि अनुशासन ही संघ की पहचान है। संघ प्रमुख ने यह भी कहा था कि उनके संगठन में पारामिलिट्री का नहीं बल्कि पारिवारिक अनुशासन है।