स्टिंग में सामने आया निजी अस्पतालों का काला खेल, 20 रुपये का इंजेक्शन 125 रुपये में, मरीजों को अस्पताल में लाने वालों को भी मिलता है परसेंटेज

दिल्ली और आसपास के नामी निजी अस्पतालों में धड़ल्ले से काला खेल चल रहा है। यहां मरीजों से इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूल की जा रही है। हिंदी न्यूज़ चैनल एबीपी द्वारा दिल्ली और आसपास के करीब 8 नामी अस्पतालों में स्टिंग ऑपरेशन किया गया, जिसमें यह सामने आया कि इन अस्तपालों में इलाज कराने वाले मरीजों से किस तरह फर्जी बिल के जरिए पैसे वसूले जाते हैं। इसके साथ ही यह बात भी सामने आई कि इन अस्पतालों में दलाली भी धड़ल्ले से चल रही है, यानी मरीजों को अस्पताल लाने वाले एजेंटों को भी मोटी रकम दी जाती है। हालांकि स्टिंग सामने आने के बाद केंद्र सरकार सक्रीय हो गई है और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा राज्य सरकारों से रिपोर्ट मांगी गई है।

ये हुआ खुलासा 
स्टिंग में सामने आया कि फोर्टिस, अपोलो, मैक्स, कोलंबिया एशिया, इंद्रप्रस्थ डेंटल, चेंद्रलक्ष्मी और अटलांटा जैसे नामी अस्पतालों में बहुत ही बड़े स्तर पर दलालों का नेटवर्क काम कर रहा है। इनमें से ज्यादातर अस्पताल अपने फायदे के लिए मरीजों को बढ़ा हुआ बिल देते हैं। दिल्ली के अपोलो अस्पताल में हुए स्टिंग में सामने आया कि यहां विदेशी मरीज के इलाज के लिए अलग पैकेज तैयार किया गया है। इस पैकेज में मरीज को अस्पताल लाने वाले एजेंट का भी कमीशन शामिल है। अपोलो के डिप्टी जनरल मैनेजर अजय भारद्वाज ने खुद यह बात कही कि वह विदेशी मरीज के लीवर ट्रांसप्लांट के लिए 24 लाख रुपए का बिल बनेगा, जिसमें से 5 लाख रुपए उस एजेंट को दिए जाएंगे जो इस मरीज को लेकर आएगा।

गाजियाबाद के वैशाली के नामी अस्पताल मैक्स में भी स्टिंग किया गया। यहां डॉक्टर गौरव यादव जो कि कंसल्टेंट हैं उन्होंने खुद कहा कि विदेशी मरीज से 29 लाख रुपए लिया जाएगा, जिसमें से 21 लाख रुपए अस्पताल ले लेगा और बचे हुए पैसों का 80:20 का शेयर होगा। 80 फीसदी एजेंट को मिलेगा और 20 फीसदी अस्पताल को।

स्टिंग में सामने आया कि इलाज के दौरान जिन चीजों का इस्तेमाल होता है, उसके दाम भी बढ़ा दिए जाते हैं। जैसे कि 100 रुपए की कोई चीज जो अस्पताल को जरूरी होती है, उसमें 45 फीसदी दाम बढ़ाकर दिखाया जाता है, यानी 145 रुपए। दिल्ली के साकेत के मैक्स अस्पताल में भी स्टिंग किया गया। यहां अस्पताल के मैनेजर ब्रजेश भट्ट यह कहते हुए दिखे कि मरीज को बिल में 3 लाख रुपए बढ़ाकर बिल दिया जाएगा। इसके अलावा गाजियाबाद के कोलंबिया एशिया अस्पताल का भी स्टिंग किया गया। यहां यह बात सामने आई कि अगर विदेश के किसी मरीज का इलाज कराने कोई एजेंट उसे अस्पताल लेकर जाएगा तो उसे करीब 20 फीसदी कमीशन मिलेगा और अगर भारतीय मरीज का इलाज कराने जाएगा तो 10 फीसदी। कमीशन देने के लिए मरीज से ही बिल में दाम बढ़ा दिए जाते हैं। इंद्रप्रस्थ डेंटल कॉलेज के स्टिंग में सामने आया कि यहां मरीज लाने के बदले में एजेंट को मुनाफे के प्रतिशत के आधार पर कमीशन दिया जाता है।

गुरुग्राम का फोर्टिस अस्पताल कुछ दिनों पहले काफी खबरों में था, क्योंकि उसने 7 साल की बच्ची के डेंगू के इलाज के लिए उसके मां-बाप को 16 लाख रुपए का बिल थमाया था। बच्ची तो बच नहीं पाई, लेकिन मां-बाप के सिर पर इतना भारी बिल आ गया। इस मामले पर जांच किए जाने का भरोसा भी दिया गया, लेकिन अभी तक कुछ हुआ नहीं। इस अस्पताल का भी स्टिंग किया गया, जिसमें सामने आया कि एक सॉफ्टवेयर के जरिए बिल को कई गुना बढ़ा दिया जाता है। यहां लीवर ट्रांसप्लांट के बिल को 19 लाख से 26 लाख कर दिया जाता है। स्टिंग में फोर्टिस गुड़गांव के रिटेल सेल्स प्रमुख यह कहते दिखे कि 45 फीसदी बढ़ा हुआ बिल देना उनके अस्पताल की पॉलिसी है। गाजियाबाद वैशाली के चंद्रलक्ष्मी अस्पताल के स्टिंग में यह बात सामने आई कि यहां 8 लाख रुपए का बिल 15 लाख में बदल देते हैं। वसुंधरा के अटलांटा अस्पताल में भी स्टिंग हुआ, जिसमें यह खुलासा हुआ कि यहां विदेशी मरीज पर एजेंट को 30 फीसदी कमीशन दिया जाता है।

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