स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाले मुस्लिमों की गिनती करवा रही राजस्थान की भाजपा सरकार
राजस्थान सरकार की तरफ से एक आदेश जारी किया गया है। सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में का करने वाले मुस्लिमों की सूची मांगी है। यह आदेश हेल्थ डिपार्टमेंट के जॉइंट डायरेक्टर (एडमिनिस्ट्रेशन) डॉक्टर बीएल सैनी ने 9 दिसंबर को जारी किया था। राज्य के सभी प्रमुख चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारियों को यह बताना है कि उप-स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में कितने मुस्लिम विभिन्न पदों पर काम कर रहे हैं। इनके अलावा रेडियोग्राफर, लैब टेक्नीशियन, डेंटल तकनीशियन, नर्सिंग स्टाफ और अन्य गैर गजेटेड कर्मचारी की लिस्ट मुख्यालय को भेजनी है। इस आदेश में डॉक्टरों को शामिल नहीं किया गया है। चीफ मेडिकल हेल्थ ऑफिसर्स ने यह डेटा इक्ट्ठा करना शुरू कर दिया है।
भरतपुर के सीएचएमओ का कहना है कि मैंने अपने डिप्टी को पूरी लिस्ट बनाकर 15 दिसंबर तक भेजने के लिए कह दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि सच्चर समिति की सिफारिशों को लागू करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। यह पैनल 2005 में यूपीए सरकार ने भारतीय मुस्लिमों की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक स्थिति पर रिपोर्ट बनाने के लिए कमीशन किया था। स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों के अनुपालन में यह आदेश जारी किया गया था। इसको लेकर मुस्लिम कर्मचारियों एक अलग सा माहौल बना हुआ है। इस तरह की गिनती पहले कभी नहीं हुई। कर्मचारियों में इस गिनती से क्या फायदा या नुकसान होगा इसका उल्लेख भी नहीं किया गया है।
गौरतलब है कि 12 दिसंबर को राजस्थान सरकार ने मीसा बंदी पेंशन योजना का नाम बदलकर राजस्थान लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि कर दिया है। यह फैसला राजस्थान के मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द राठौड़ ने बताया कि राजस्थान लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि योजना में पात्रता के नियमों में बदलाव कर मीसाकाल के दौरान देश की किसी भी जेल में बंद रहे लोगों को इस योजना का फायदा देने का निर्णय लिया है। पूर्व में मीसा बंदी पेंशन योजना में आपातकाल के दौरान राजस्थान की जेलों में बंद रहे लोग ही इस योजना के पात्र थे। राठौड़ ने बताया कि राजस्थान लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि योजना का लाभ पाने के लिए पूर्व में प्रमाणपत्र की अनिवार्यता में ढील देते हुए स्वयं का मीसा बंदी होने का प्रमाण पत्र देने वाले इस योजना का लाभ ले सकेंगे।