स्कूल में लड़की को गले लगाने पर सस्पेंड हुआ, अब हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देगा छात्र
स्कूल की एक छात्रा को गले लगाने के लिए बारहवीं कक्षा के एक छात्र को स्कूल प्रशासन ने निलंबित कर दिया था, जिस फैसले को केरल उच्च न्यायालय ने भी बरकरार रखा है। यह छात्र अब उच्च न्यायालय के इस आदेश को चुनौती देने की तैयारी कर रहा है । छात्र को अगले साल होने वाली बोर्ड परीक्षा में बैठना है। यह घटना 21 जुलाई को तिरुवनंतपुरम से नजदीक मुक्कोलाक्कल स्थित सेंट थॉमस सेंट्रल स्कूल द्वारा आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान की है, जहां एक लड़की ने कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुति दी थी जिसके बाद लड़के ने उसे गले लगा लिया था।
लड़के के पिता के मुताबिक, बधाई देने के लिए गले लगाने की घटना को लेकर स्कूल के अधिकारियों ने अनुचित कदम उठाया है जिससे उसके बेटे का मनोबल पूरी तरह से टूट गया है। इस घटना के बाद स्कूल ने उस छात्र को निलंबित कर दिया था। वह लड़की भी कक्षा में नहीं आ रही है क्योंकि स्कूल प्रशासन के अनुसार उसने नामांकन के लिए आवश्यक दस्तावेजों को स्कूल में जमा नहीं किया है।
उसके निलंबन के बाद लड़के के परिवारवालों ने इस फैसले को चुनौती देने के लिए केरल राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का रुख किया था। आयोग की पैनल ने स्कूल प्रशासन को उसे कक्षा में आने की अनुमति देने का निर्देश दिया था। चर्च द्वारा संचालित स्कूल के प्रबंधक ने हालांकि इसका विरोध किया था और इस मामले को लेकर केरल उच्च न्यायालय पहुंचा जिसने स्कूल के इस फैसले को सही ठहराया है।
स्कूल के अधिकारियों ने कहा कि लड़के को अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत निलंबित किया गया है और यह मामला केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) तक पहुंच गया है, जिसने इस मामले की जानकारी ली है। स्कूल के प्राचार्य सेबस्टियन जोसेफ ने कहा, ‘‘हमें कोई समस्या नहीं है यदि सीबीएसई उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति देता है।’’ उन्होंने हालांकि कहा कि इसके लिए लड़के की अनिवार्य उपस्थिति पूरी नहीं है। प्राचार्य ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हमारा इरादा बच्चे को सुधारना है उसे बिगाड़ना नहीं, बल्कि उसे बेहतर बनाना है।’’