स्मृति ईरानी ने चैनलों से कहा- ‘डर’ पैदा करने वाली खबरें न दिखाएं, कानून भी बताया
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने पंचकूला में हिंसा के दौरान मीडिया पर हुए हमले की शुक्रवार रात निंदा की, लेकिन न्यूज चैनलों को भी नसीहत दे डाली कि वे ‘‘घबराहट, तनाव और अनुचित डर’’ पैदा करने वाली खबरें दिखाने से परहेज करें। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘मीडिया पर हमला और संपत्ति को नुकसान निंदनीय है। सभी से शांति की अपील करती हूं।’’ एक अन्य ट्वीट में स्मृति ने चैनलों को नसीहत देते हुए लिखा, ‘‘फंडामेंटल ऑफ एनबीएसए (न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैण्डर्ड अथॉरिटी) की धारा बी की तरफ न्यूज चैनलों का ध्यान दिला रही हूं, घबराहट, तनाव और अनुचित डर पैदा करने वाली खबरों से परहेज करें।’’ डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बलात्कार के एक मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकूला में उसके समर्थकों ने मीडियार्किमयों पर हमला किया और संपत्ति को निशाना बनाया।
वहीं डेरा समर्थकों द्वारा हिंसा किए जाने के बाद पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा कि इस हिंसा में जो भी नुकसान हुआ है उसकी भरपाई डेरा सच्चा सौदा संप्रदाय को भरनी होगी। अदालत ने डेरा संप्रदाय की संपत्तियों की सूची मांगी। अपने सुनवाई में उच्च न्यायालय ने कहा कि संप्रदाय को आगजनी और हिंसा में हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति करनी होगी। अदालत ने केंद्र सरकार को पंजाब को अतिरिक्त बल मुहैया कराने का निर्देश दिया। पंजाब के वकील ने अदालत को बताया कि डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को दुष्कर्म और यौन शोषण का दोषी ठहराए जाने के फैसले के बाद राज्य में स्थिति तनावपूर्ण है।
डेरा सच्चा सौदा के अनुयाइयों द्वारा की गई हिसा में कम से कम 30 लोग मारे गए और 250 से भी ज्यादा घायल हो गए हैं। डेरा प्रमुख दसियों हजार अनुयाइयों ने वाहनों और घरों में आग लगा दी और मीडियाकर्मियों पर हमला कर दिया। गौरतलब है कि साल 2002 में डेरा में रहने वाली साध्वी ने दोषी करार दिए गए राम रहीम पर बलात्कार का आरोप लगाया था। करीब 15 साल बीत जाने के बाद सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम को दोषी करार दिया है। राम रहीम की सजा का ऐलान 28 अगस्त को किया जाएगा। अब देखना यह है कि इस हिंसा के बाद सोमवार को आने वाले सजा के फैसले के बाद राम रहीम के समर्थकों को हरियाणा सरकार काबू में कर पाती है या नहीं, या इस हिंसा से पहले सचेत किए जाने के बाद भी सजा का फैसला सुनाए जाने के बाद सरकार मूकदर्शक बनी बैठी रहेगी।