हत्या के दो मामलों में राम रहीम के खिलाफ सुनवाई पूरी, सोमवार को सुनाई जाएगी सजा, दोषी पाए जाने पर जेल में कटेगी बाकी जिंदगी
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह और अन्य लोगों के खिलाफ हत्या के दो अलग-अलग मामलों में शनिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच सीबीआई की एक विशेष अदालत में सुनवाई हुई। हत्या के इन मामलों के सात आरोपी पंचकूला अदालत में मौजूद थे, लेकिन जेल में बंद राम रहीम की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई। सिंह दुष्कर्म के दो मामलों में दोषी करार दिए जाने को लेकर रोहतक जेल में बंद हैं। सिरसा के पत्रकार राम चंदर सिंह और डेरा के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामलों को शनिवार को न्यायाधीश जगदीप सिंह की विशेष सीबीआई अदालत में अंतिम सुनवाई के लिए अधिसूचित किया गया था। पत्रकार छत्रपति और रंजीत सिंह की हत्या के मामलों की शनिवार को सुनवाई जारी है। इसी अदालत ने 25 अगस्त को राम रहीम को अपनी शिष्याओं के साथ दुष्कर्म का दोषी घोषित किया था। सीबीआई अदालत ने 28 अगस्त को राम रहीम को 20 साल के कठिन कारावास की सजा सुनाई थी।
हरियाणा के पुलिस महानिदेशक बी.एस. संधू ने शुक्रवार को कहा था कि हत्या के इन मामलों की सुनवाई के लिए पंचकूला में पर्याप्त संख्या में अर्धसैनिक बल और हरियाणा पुलिस के जवानों की तैनाती की गई है। छत्रपति को अक्टूबर 2002 में गोली मारी गई थी। कुछ दिनों तक अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ने के बाद नवंबर में उनका निधन हो गया था। पूर्व डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की जुलाई 2003 में गोली मारकर हत्या की गई थी। दोनों हत्याओं के मामले में डेरा प्रमुख अन्य लोगों के साथ आरोपी हैं। कथित तौर पर उनके निर्देश पर ही दोनों हत्याओं को अंजाम दिया गया था।
यहां पढ़ें Baba Ram Rahim Singh Murder Case Hearing Updates:
– खट्टा सिंह ने कहा कि ‘मैं डरा हुआ था कि वे मुझे और मेरे बेटे को मार देंगे। हमें धमकाया गया था।’
– राम रहीम के खिलाफ खट्टा सिंह ने फिर से बयान दर्ज कराने की अर्जी दी है। सिंह राम रहीम के खिलाफ चल रहे हत्या के मामलों में गवाह था और 2007 में अपना बयान दर्ज कराया था, मगर 2012 में उसने अपना बयान बदल लिया था। उसका कहना है कि उसने पलटी इसलिए मारी क्योंकि ‘बाबा और उसके गुंडों’ की तरफ से दबाव था।
– राम रहीम का पूर्व ड्राइवर, खट्टा सिंह अदालत के सामने मुख्य गवाह के रूप में पेश होना चाहता है। वह पहले अपना बयान बदल चुका है। अदालत यह तय करेगी कि मामले में 22 सितंबर को उसकी गवाही की जरूरत है या नहीं।
– सीबीआई अदालत में सुनवाई शुरू हो गई है। पंचकूला में बड़ी संख्या में पैरामिलिट्री फोर्सेज और पुलिस बल तैनात किया गया है।
– दूसरा मामला डेरा के प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या से जुड़ा हुआ है जिनकी 2002 में हत्या हुई थी। अज्ञात पत्र को प्रसारित करने में उनकी संदिग्ध भूमिका के लिए उनकी हत्या की गई थी। हत्या का शिकार बने दोनों लोगों के परिजन ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था जिसके बाद पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने नवम्बर 2003 में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। हत्या मामले में सीबीआई ने 30 जुलाई 2007 को आरोपपत्र दायर किया था।
– अभियोजन के मुताबिक सिरसा के पत्रकार छत्रपति की अक्तूबर 2002 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनके अखबार ‘पूरा सच’ ने एक गुमनाम पत्र छापा था जिसमें बताया गया था कि किस तरह से सिरसा स्थित डेरा मुख्यालय में महिलाओं का यौन उत्पीड़न होता था।